हमारे सौर मंडल से दूर, बहुत दूर एक ग्रह खोजा गया है जो बृहस्पति से चार गुना ज़्यादा वज़नी है। यह ग्रह तीन तारों से बने एक मंडल में सबसे बड़े तारे के चक्कर काटता है। हमारे सौर मंडल में प्लूटो सूरज से जितना दूर है यह नया ग्रह अपने सबसे बड़े वाले तारे से उससे दुगनी दूरी पर स्थित है। इसे नाम दिया गया है 131399Ab।
इस मंडल का सबसे बड़ा तारा हमारे सूरज से करीब 1.8 गुना बड़ा है। इसका चक्कर काटने में 131399Ab को हमारे 500 साल के बराबर का समय लगता है। अर्थात 131399Ab का एक साल हमारे 500 साल के बराबर है। मंडल के शेष दो तारे इनसे करीब 45-60 अरब किलो मीटर दूर स्थित हैं और एक-दूसरे का चक्कर लगाते हैं।
131399Ab और उसके तीन तारों का यह नृत्य हमसे करीब 320 प्रकाश वर्ष की दूरी पर चल रहा है। जब 131399Ab से आने वाले प्रकाश में अवरक्त (इंफ्रारेड) प्रकाश का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि इसके वायुमंडल में जल वाष्प और मीथेन उपस्थित हैं और इसके बादलों का तापमान करीब साढ़े पांच सौ डिग्री सेल्सियस है।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस तीन-तारा-एक-ग्रह मंडल की उत्पत्ति कैसे हुई। एक तो यह हो सकता है कि उस क्षेत्र में मौजूद गैसें पहले बड़े तारे के आसपास संघनित होकर ग्रह बनीं और फिर धीरे-धीरे दूर जाती गईं। यह भी संभव है कि यह ग्रह छोटे-छोटे तारों के पास बना था मगर आगे चलकर इसे बड़े वाले तारे ने अपनी कक्षा में बांध लिया। (स्रोत फीचर्स)