Cover - Illustration by Hariharan, 12 years Murudam Farm school, Tamil Nadu
कवर पर मरुदम स्कूल, तमिलनाडु के 12 साल के हरिहरन का बेहद दिलकश चित्र है। पतले से तने और बड़े-बड़े पत्तोंवाली यह बेल जैसे आसमान में टँकी है। आपकी नज़र पत्तों से हटकर जब तने पर फिसल रही होती है तो आँख के एक कोने में एक पीला धब्बा अटक जाता है। वो फूल है या कि पत्ता जो हरा होते-होते पीला हो गया हो। शायद चित्रकार पीली चिड़िया को सोचता हुआ वो पत्ता बना रहा होगा। अब उसे पीला फूल कहें, पीला पत्ता या पीली चिड़िया...ये आप ही तय करें। और पीली चिड़िया डिस तरह घूम कर पत्तों के नीचे छिपे बच्चों को दाना दे रही है ... वो तो बस कमाल है...
Machi haye re Daiya - A poem by Vishukant Pandey, Illustrations by Prashant Soni
मची हाय रे दैया - बच्चों को ये दो नठकठ कविताएँ ज़रूर जरूर भाएँगी - एक शब्दों में लिखी, एक चित्रों में सजी...
Ek Geet
एक गीत - मेरा सच वो जो मैंने देखा, मैं महसूस किया। आपका सच, आपका महसूस किया गया। समन्दर की मछली मेरे लिए मछली, पर एक मछुआरे के लिए उसकी ज़िन्दगानी। उसका घर मछली से चलता। उसका पेट उसी से भरता। उसका उठना, बैठना, सोना-जागना सब उसी से तय होता। आप भी सोच के देखिए क्या ऐसा नहीं होता? आपकी ज़िन्दगानी क्या....! एक सुन्दर गीत।
Bulbul aur Kaua - A Photo feature by Sanat Kumar Ghosh
बुलबुल और कौआ - काला कौआ। चालाक कौआ। कौए जैसा कर्कश। झूठ बोले कौआ काटे....। एक घड़े में कंकड़ डालकर पानी ऊपर लाने वाली चतुराई अगर कौए के साथ न जुड़ी होती तो जाने वो कब का अपनी हर अहमियत खो चुका होता। ऐसे में हमारे हाथ एक कहानी लगी। चित्रों में पिरोई इस कहानी में कौआ मुसीबत में फँसी एक बुलबुल के पास मदद लेकर जाता है। सनत ने अपनी घर की छत से इसे देखा और कैमरे में कैद कर लिया। आप भी देखें। कौए की सदियों से बनी छवि शायद कोई नई साँस पा जाए...।
Gandhi ji ka Jantar
गाँधी जी का जंतर - गाँधी का नाम सुनते ही सबसे पहले आपके ध्यान में क्या आता है...? सोचिए...। कई दिनों तक हम शाम को अलग-अलग रास्तों पर घूमे...रास्ते में सफाई कर रहे, कपड़ों पर प्रेस कर रहे, रूई की पिंजाई कर गद्दों में भर रहे, मकान बना रहे, चाय बना रहे, लोगों के घर बरतन-कपड़े धो कर आ रहे लोगों से मिले। उनसे यही सवाल पूछा। नोट कुछ ने कहा। कुछ जवाब ऐसे थे - बकरी, नमक, लाठी, आज़ादी...। आपका जवाब क्या होगा?
Mathapacchi - Brain Teasers
माथापच्ची - हमेशा की तरह दिमागी कसरत के लिए कुछ खुराक...
Bartan mein ikk mann - An article by Mudita Bhandari
बरतन में इक मन है... एक शिल्प के बनने का सफर। बरतन शब्द का एक अर्थ है - किसी चीज़ को खुद में समेटना। हम इंसान भी तो बरतन की तरह हैं जो अपने अन्दर भावनाएँ, संवेदनाएँ, विचार, सपने, यादें, आशाएँ समेटे रहता है। इस ख्याल के साथ मुदिता ने एक शिल्प बनाना शुरू किया। और बनते-बनते वो क्या बना...जानिए इस दिलचस्प सफर को...
Aakash - An article by Arun Kamal, Illustration by Vidushi Yadav
आकाश - वो गाना सुना है न आपने... देखना आसमान के सिरे खुल गए हैं ज़मीन से। आकाश की इतनी सुन्दर इमेज... जैसे वो कोई शामियाना हो। और खुल कर ऊपर जा लगा हो...कुछ ऐसी ही बानगी इस लेख में है।
Garm Chai ki Paheli - A puzzle by Manish Jain, Illustration by Dilip Chinchalkar
गर्म चाय की पहेली - दो दोस्त। एक चाय का शौकीन, एक शरबत का। एक ने थोड़ी चाय दूसरे के गिलास में उड़ेली। दूसरे ने उतनी ही शरबत पहले के गिलास में डाली। आगे की पहेली क्या है इसे जानने के लिए तो चकमक पढ़नी ही होगी।
Gata hua Ladka - A poem by Manglesh Dabral, Illustration by Prashant Soni
गाता हुआ लड़का - यह कविता एक कहानी की तरह चलती है। कहानी की तरह ही एक कथानक है इसमें। कविता की तरह बहुत दूर नहीं है अर्थ शब्दों से। ऐसा लगातार लगता है हमें इस कविता को पढ़ते हुए। अपके अनुभवों को कई-कई बार स्पन्दित कर देगी यह कविता। पर अन्त आते-आते आपको पता चलेगा आप तो किसी और ही सफर पर निकल गए थे। ऐसक ऐसा सफर जो कविता के सफर से बहुत अलग था। हमारे समय के जाने-माने कवि मंगलेश डबराल की एक बेहद मार्मिक कविता। जिसे आप अपनी कक्षा में ज़रूर सुनाना चाहेंगे। इस पर चर्चा करना चाहेंगे। प्रशान्त सोनी के बेहद सुन्दर चित्र।
Karejwa - A story by Varun Grover, Illustrations by Nishith Mehta
करेजवा - दुनिया खत्म होने ही वाली है। बस आधा घण्टा बचा है...इस तरह शुरू होती है यह रोचक कहानी। आप भी चाहें तो इस लाइन को उधार ले अपनी एक कहानी बुन लें। वरुण ग्रोवर ने लिखा है इसे। वही वरुण जिन्होंने फिल्म मसान का स्क्रीन प्ले लिखा है। दम लगाके हैइशा के गाने लिखे हैं।
Pedo Ke Geet - A short story by Sushil Shukl, Illustrations by Sonali Biswas
एक मुहावरे नुमा कहानी। जंगल का संगीत कहाँ चला गया? बाँस में संगीत कहाँ से आया? किसी ने छुपा कर रखा था क्या उसे? इसके साथ बेहद सुन्दर चित्र हैं सोनाली विस्वास के।
Boli Rangoli - A column on children’s illustrations on Gulzar sahab’s Couplet
बोली रंगोली.... ग्यारह ऊँटों को तीन में बाँटने की चिर परिचित कथा पर बने बच्चों के आश्चर्य में डाल देने वाले चित्र।
Pani Pani Hai - Observations of children’s on different type of water
पानी पानी है... चकमक के सितम्बर के अंक में पानी पर एक गतिविधि दी गई थी। जिसमें अलग-अलग जगह के पानियों का फर्क पता करना था। तमिलनाडु के मरुदम स्कूल के बच्चों ने अपने बेहद पैने और इंसाइटफुल अनुभव बहुत ही चित्रों के साथ हमसे साझा किए। आपको भी यह पसन्द आएँगे इसकी पूरी उम्मीद है।
Dost (Part -7) - A picture story by Sashi Kiran
दोस्त (भाग-7) कभी-कभी किसी चीज़ का घर में आना मुश्किल होता है। पर अगर आ जाए तो जाना मुश्किल हो जाता है। आप तो पढ़ ही रहे होंगे न यह चित्रकथा? इस कहानी में भी घर में बड़ी मुश्किलों से एक कुत्ता आता है पर आने के बाद...
Mera Panna- Children’s creativity column
मेरा पन्ना - एक छोटी-सी घटना। पिता का कश्मीर से तबादला होता है पटना में। सुप्रम बहुत दुखी है। पर पटना आकर नए दोस्त, नए स्कूल ने उसका दुख कम कर दिया। पर एक रोज़ कैसे वो दुख एक बार फिर उसे नज़र आता है।....एक बेहद सुन्दर कहानी छठी के सुप्रम कुमार की। बाकी हर बार की तरह और भी कविताएँ, चित्र, अनुभव...
Dhirghanchu - A story by Sukumar Rai, Translation by Rudrashish, Illustration by Jagdish Joshi
द्रिघान्चु - बंगाल के महान साहित्यकारों का कद शायद इसलिए भी कुछ और ऊँचा था कि उन्होंने बच्चों के लिए काफी कुछ लिखा। व्यंग्य, जासूसी कहानियाँ, हास्य कथाएँ कितनी ही विधाओं में लिखा गया। इसकी एक बागनी देखिए इस मज़ेदार कहानी में। साथ में हैं जगदीश जोशी के बेहद खूबसूरत चित्र।
Magarmach - A serial story by Jasbir Bhullar, Illustrations by Atanu Roy
मगरमच्छों की दुनिया का रोचक सफर - बस एक और किस्त। पहले अंक से शुरू हुआ किरली मादा और मग्धू नर मगरमच्छ का सफर अपने अन्जाम तक पहुँचनेवाला है। इस बार किरली इतने लम्बे अरसे बाद और सारी उम्मीदें खो जाने के बाद कैसे वापस खुशी पाती है...अतनु राय के सुन्दर चित्र।
Samjh nahi aata - An write-up by Satinath Phadangi, Illustration by Taposhi Ghoshal
समझ नहीं आता - दुनिया के सात आश्चर्य क्या हैं...ताजमहल...। पर अगर हम यह कहें कि इसमें क्या आश्चर्य...असली आश्चर्य तो उन बातों में हैं जो रोज़-रोज़ हमारे आसपास, हमारे घर में होते हैं...हमसे भी होते हैं। पर आश्चर्य इसमें भी है कि हमें उसमें कोई आश्चर्य नज़र ही नहीं आता। महिलाओं का सबसे ज़्यादा काम करना और उन्हें ही कमज़ोर समझा जाना...क्या आश्चर्य नहीं! युद्ध के ज़रिए शान्ति लाने की बात, धर्म का शान्ति की बात करना और धर्म की वजह से लड़ाइयाँ होना या हैरान नहीं कर जाता! आप को इसमें सोचने को बहुत कुछ मिलेगा।
Hoti gar mai muniya Sajeele van ki
होती गर मैं मुनिया सजीले वन की - हेमन्त में कनाडा इतना रंगीन हो जाता है कि लगता है कि पेड़ होली खेल रहे हों। पत्ते भी अपनी जगह रंगों के लिए खाली कर देते हैं। और जो पत्ते खाली नहीं करते वो भी रंगीन हो जाते हैं...आप भी देखिए..
Funny Pathshala - A cartoon making column with cartoonist Irfan
फनी पाठशाला - इरफान और बच्चों के ढेर सारे चुटीले कार्टूनों का ज़बरदस्त कोना...
Chitrpaheli
चित्र पहेली - चित्रों के सुराग से उनके नामों की तलाश।