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तरबूज बड़ा-सा – रावेन्द्रकुमार रवि
काले-काले
आसमान में
जब सफेद तारे मुस्काए
उन्हें देखकर
मैंने सोचा
काश...
तुम भी बनाओ – तरबूज आइसक्रीम
गर्मी का मौसम यानी तरबूज का मौसम, आइसक्रीम का मौसम। तो क्यों न इस बार तरबूज की आइसक्रीम बनाकर देखी जाए।
मेरी माँ और पड़ोसी माँएँ – सजिता नायर
अनुजात ने ग्यारह साल की उम्र में एक ऐसी पेंटिंग बनाई जिसके लिए उसे अब दुनिया भर में पहचाना जा रहा है। अनुजात के साथ की गई बातचीत और उसकी रंगों की दुनिया की एक छोटी-सी झलक।
ऐसा क्यों लगता है कि यह पहले हो चुका है?
तुम जून 2020 का अंक पढ़ रहे हो। तुम्हारा एक दोस्त आता है। वो भी तुम्हारे साथ जून अंक पढ़ने लगता है। पढ़ते-पढ़ते तुम्हें लगता है कि तुम इस पल को पहले भी एक बार जी चुके हो जबकि हकीकत में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
ये कोई जादुई घटना नहीं है। इसे देजा व्यू कहते हैं। यह क्या है, और ऐसा क्यों होता है जानने के लिए यह लेख पढ़ो।
असली अनिल कपूर – मुदित श्रीवास्तव
चित्र: शुभम लखेरा
चार दोस्तों की चाण्डाल चौकड़ी को पता चलता है कि उनका पसन्दीदा हीरो उनके गाँव आ रहा है। आखिरकार वो दिन आ ही जाता है जब चारों को अपने हीरो के दर्शन होते हैं। “यार, जो तो फिलिम में एकदम एसई दिखत है, डिट्टो।” तीनों मुड़कर चौथे की तरफ देखते हैं। वह मुस्कराने लगता है क्योंकि वह कुछ ऐसा जानता था जो बाकी नहीं जानते थे।
शहीद होती मछलियाँ – सी एन सुब्रह्मण्यम्
लेखक अपने कुछ दोस्तों के साथ एक नदी के मुहाने पर पहुँचते हैं। नदी के साथ चलते-चलते वे क्या-क्या देखते हैं उसकी कहानी बताता है यह लेख।
भूलभुलैया
मछली को ज़रा समुद्र तक पहुँचा दोगे क्या?
बच्चा रसोईघर
लॉकडाउन के कारण दुनिया के अधिकांश हिस्सों में लोग अपने-अपने घरों के अन्दर हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बाहर निकलकर दूसरों की मदद कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ समूहों की पहल है – बच्चा रसोईघर।
जिस दिन मैं बनी दुनिया की सबसे तेज़ धावक – विनता विश्वनाथन
चित्र: निहारिका शेनॉय
विनता जब होशंगाबाद के बोरी-सतपुड़ा के जंगल में सात बहनों (बैब्लर) को पकड़ने की रणनीति बना रही थीं तब शायद वो यह नहीं जानती थीं कि आज उनकी दौड़ने की क्षमता की परीक्षा होने वाली है। वो कैसे? यह संस्मरण पढ़कर देखो।
हामोन्शु– इशिता देबनाथ बिस्वास
अपने आसपास नज़र डालें तो हमें तरह-तरह के पैटर्न देखने को मिलते हैं। इन्हीं में से एक पैटर्न है पानी की छोटी-बड़ी लहरों का पैटर्न। एक जापानी कलाकार ने लहरों के पैटर्न के ऊपर एक दिलचस्प किताब लिखी – हामोन्शु। चलो, इस किताब के बारे में और इस पैटर्न के बारे में थोड़ा और जानते हैं।
जामुन – रामकरन
चित्र: नीलेश गहलोत
पड़ोसी का जामुन
हुआ जब बड़ा
थोड़ा उधर बढ़ा
थोड़ा इधर बढ़ा...
तुम भी जानो
इस बार के तुम भी जानो में पढ़ो – ‘नाक में अटके चुम्बक निकलवाने ये पहुँचे अस्पताल’ और ‘व्योम मित्र: एक मानव रोबोट’।
सोहम भी जलपरी
डॉ. हर्षवर्धन कुमार
अगर मछली जल की रानी होती है तो जल का राजा कौन होता है? कुछ ऐसे ही दिलचस्प सवाल उठाए हैं काव्या और सोहम ने। क्या उनके सवालों को सुलझाने में तुम उनकी मदद करना चाहोगे?
मंज़ूर – गीता धुर्वे
चित्र: शेफाली जैन
“मैं मंज़ूर हूँ, क्या इसलिए मुझे किसी ने नहीं अपनाया?” क्या मैं बहुत अजीब हूँ? क्या मैं जिस पहचान के साथ जीना चाहता हूँ उसको कहीं जगह मिलेगी?”
बोरेवाला – जयश्री कलाथिल
चित्र: राखी पेशवानी
फटी-पुरानी बोरियों के थेगड़ों को सिलकर पहनने वाला चाकप्रान्दन दुबारा अनु के घर आता है। वहीं अनु अपनी सजीचेची को याद करते हुए और यह सोचते हुए रोने लगती है कि अगर सजीचेची होती तो कुछ नहीं बदलता और अच्चन की गोद में ही सो जाती है...
मेरा पन्ना
कहानी – गिरे धड़ाम
वाकया – मेहमान नवाज़ी
कविता – मेरी माँ की रसोई
और खूबसूरत चित्रों से भरा इस बार का मेरा पन्ना।
माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरी माथापच्ची।
चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझो और पहेली को सुलझाओ।
भारतीय वन्यजीव वीडियो कॉन्फरेन्स – रोहन चक्रवर्ती
इन्सानों की वीडियो कॉन्फरेन्स के बारे में तो हमें पता है, पर सोचो जानवरों की वीडियो कॉन्फरेन्स कैसी होती होगी। इसी की एक मज़ेदार झलक दिखाई है रोहन चक्रवर्ती ने।
बुढ़िया के बाल – मेराज रज़ा
चित्र: प्रशान्त सोनी
खा लो, खा लो, जी भर खा लो
मिठाई बेमिसाल।
घूम-घूम घिरनी से निकली
मुँह में जाते ही मैं पिघली
देखो, तो स्पंज लगूँ मैं
रंग गुलाबी-लाल।...