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यहाँ थी वह नदी – मंगलेश डबराल
चित्र: तविशा सिंह
जल्दी से वह पहुँचना चाहती थी
उस जगह जहाँ एक आदमी
उसके पानी में नहाने जा रहा था
एक नाव
लोगों का इन्तज़ार कर रही थी
जुदाई – रोशनी
चित्र: पूजा के मेनन
रोशनी की बहन चाँदनी उससे दूर जाने वाली है। इस बात से दोनों ही उदास हैं। चाँदनी के मामा जी के साथ जाने से रोशनी को टेंशन होने लगी थी। ऐसी कौन-सी बात थी जिसकी वजह से चाँदनी को रोशनी से दूर जाना पड़ रहा था। जानने के लिए पढ़िए...
अन्तर ढूँढो
चित्र: अमृता
दो एक समान दिखने वाले चित्रों में छिपे अन्तरों को खोजने की एक गतिविधि।
क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: “तुम्हें क्या लगता है क्या विलुप्त जानवरों को फिर से स्थापित करने की कोशिश करना चाहिए, और क्यों या क्यों नहीं?”
बच्चों द्वारा भेजे गए दिलचस्प जवाबों में से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे। साथ ही उनके बनाए कुछ दिलकश चित्र भी देखने को मिलेंगे।
भारत में अफ्रीकी चीते – विनता विश्वनाथन
हाल ही में अफ्रीकी चीतों को भारत लाया गया है। विलुप्त जानवरों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों में किस-किस तरह के मुद्दे हो सकते हैं, जानने के लिए पढ़िए यह लेख।
दो पत्र – धूप में रज़ाई के पीले फूल और जूते – शिवकुमार गांधी
चित्र: कनक शशि
दो दोस्तों की एक-दूसरे को लिखी एक प्यारी-सी चिट्ठी। इसकी एक बानगी देखिए:
मैं जिस पेंसिल से यह चिट्ठी लिख रही हूँ वो नीली है। चिट्ठी के साथ में अपनी रफ कॉपी का एक पन्ना भी भेजूँगी जिसमें मैंने तुम्हारा चित्र बनाया है। और उसमें तुम्हारी दाढ़ी पर मैंने एक डिज़ाइन भी बनाया है। डिज़ाइन मतलब कि मैंने सजाया है। बुरा मत मानना। अच्छा मानना।
गणित है मज़ेदार – भागो मत, सिर्फ देखो – आलोका कान्हेरे
चित्र: मधुश्री
इन पन्नों में हम ऐसी चीज़ें देने की कोशिश करते हैं, जिनको हल करने में आपको मज़ा आए। ये पन्ने खास उन लोगों के लिए हैं जिन्हें गणित से डर लगता है।
इस लेख में सायरा और मिहिर ऐसी तरकीबों की पड़ताल कर रहे हैं, जिनके ज़रिए वे संख्या को भाग दिए बिना ही यह पता कर सकते हैं कि वो संख्या 2, 3, 5, 9 से विभाजित होगी या नहीं।
छींद रस की कहानी – विष्णु करटामी
सितम्बर अंक में नौवीं कक्षा के बारसे रोशन की कहानी ‘छींद रस’ प्रकाशित हुई थी। विष्णु करटामी ने उस कहानी के साथ प्रकाशित चित्र पर अपनी कुछ टिप्पणियाँ भेजी हैं, जिन्हें आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
भूलभुलैया
दिए गए कई रास्तों में से सही रास्ते को खोजने की जद्दोजहद।
पहाड़ के बुलाने पर, सड़क की…. – भाग 2 – निधि सक्सेना
कुछ सुहावने पल जिन्हें याद करके हम कभी थकते नहीं, जिनकी यादें हमारी उदासी से निकलने में हमारी मदद करती हैं। कुछ ऐसी ही यादों का एल्बम है दिल्ली से मनाली पर बाइक का यह सफर।
मेरा पन्ना
वाकया: बारिश बनी रुकावट, बारिश के एक दिन, दोस्त से झगड़ा
कविता: रंग-बिरंगा छाता मेरा
लेख: खुश रह और जी ले अपनी ज़िन्दगी
कहानी: झरने की मछलियाँ
और बच्चों की कूची से निकले रंग-बिरंगे चित्रों से सजे पन्ने।
माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवाल और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।
चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।
तुम भी जानो
इन पन्नों में इस बार जानिए...
कश्मीर के सेब खतरे में
27 लोगों को चीन ने दिया दण्ड
नाना जी ने नाती के लिए बनाई पॉप-अप किताब
पक्षी चुटकुला – रोहन चक्रवर्ती
दो पक्षियों की बातचीत पर आधारित एक मज़ेदार चुटकुला।