स्विचयार्ड रेलगाड़ियो को अलग-अलग ट्रेक पर डालने/मोड़ने का काम करता है ताकि गाड़ी अपने गंतव्य पर पहुंच जाए। हाल ही में साइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने स्विचयार्ड के समान प्रोटीन मोटर्स तैयार किए हैं जो शरीर में विभिन्न वांछित जगहों पर माल भेजने में भूमिका निभाएंगे। और ये डीएनए कंप्यूटर के विकास की दिशा में हमें आगे ले जाएंगे।
हमारे शरीर की कोशिकाओं में प्रोटीन मोटर्स पोषक तत्वों और अन्य सामग्रियों को नलीनुमा सूक्ष्म मार्गों के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह ले जाती हैं। नैनोटेक्नोलॉजी शोधकर्ता काफी समय से डीएनए से बने नलिका-मार्गों का उपयोग करके इसके कृत्रिम संस्करण तैयार करते रहे हैं। अब शोधकर्ताओं ने इस मामले में एक और कदम आगे बढ़ाया है।
उन्होंने एक ऐसी डीएनए सूक्ष्म नलिका (नैनोट्यूब) रेल बनाई है जिससे कुछ बिंदुओं से कई रास्ते (ट्रैक) निकलते हैं। प्रत्येक ट्रैक का एक विशिष्ट डीएनए पैटर्न होता है। प्रोटीन मोटर्स इन अलग-अलग पैटर्नों को पहचानने के लिए तैयार की गई हैं। इस पैटर्न को पहचान कर ये प्रोटीन मोटर्स फिर अपने माल को वांछित रास्ते पर ले जाती हैं।
डायनीन्स नामक प्रोटीन को डीएनए ट्रैक पर फिसलकर आगे बढ़ने के लिए रूपांतरित किया गया है। सभी दोराहों पर, ट्रैक के विभिन्न डीएनए पैटर्न डायनीन्स को दिशा देते हैं। शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया का जो वीडियो जारी किया है उसमें - नारंगी फ्लोरेसेंट माल वाले डायनीन्स बाईं ओर वाले मार्ग पर चले जाते हैं और स्यान फ्लोरोसेंट मालवाहक डाएनीन्स दाईं ओर मुड़ जाते हैं।
नैनो-स्विचयार्ड्स वैज्ञानिकों को कोशिकाओं के अंदर की वास्तविक स्थिति का जायज़ा लेने और बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे। अंततः ये अलग-अलग ऊतकों में अलग-अलग औषधियां पहुंचाने में भी मददगार हो सकते हैं। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - May 2022
- विलुप्त प्रजातियों को पुनर्जीवन
- गंधबिलाव का क्लोन अपनी प्रजाति को बचाएगा
- मक्खी से बड़ा बैक्टीरिया
- मछलियां जोड़ना-घटाना सीख सकती हैं
- ऑक्टोपस के पूर्वज की 10 भुजाएं थीं
- विकास का खामियाजा भुगत रही हैं जैव प्रजातियां
- चलता-फिरता आम का पेड़
- आखिर हिमालय में कितने बांध बनेंगे?
- ग्लासगो जलवायु सम्मेलन पर एक दृष्टि
- सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प खोजना बेहद ज़रूरी
- नदियों में बढ़ता प्रदूषण
- भयावह है वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
- धूम्रपान से सालाना सत्तर लाख जानें जाती हैं
- एक मकबरे के रहस्य की गंध
- चांद की बर्फ प्राचीन चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा संरक्षित है
- दीपक धर: बोल्ट्ज़मैन पदक से सम्मानित प्रथम भारतीय
- कैंसर वैज्ञानिक डॉ. कमल रणदिवे
- मानव-विज्ञानी और सामाजिक कार्यकर्ता: पॉल फार्मर
- क्रिस्पर शिशुओं की देखभाल पर नैतिक बहस
- कोविड मौतों की संख्या का नया अनुमान
- कोविड से मधुमेह के जोखिम में वृद्धि
- गोदने की सुई से प्रेरित टीकाकरण
- सबसे छोटा कोशिकीय स्विचयार्ड बनाया