केकड़ों से लेकर इल्लियों तक कई सारे जीव अपने शिकारियों से बचने के लिए छद्मावरण (या छलावरण) की रणनीति अपनाते हैं। अब, एक नवीन अध्ययन में पाया गया है कि शिकारियों से इस लुका-छिपी में कुछ छद्मावरण अधिक प्रभावी होते हैं।
युनिवर्सिटी ऑफ कैंपिनास के व्यवहार और संवेदना पारिस्थितिकीविद जोआओ विटोर डी अलकैंतारा वियाना विभिन्न छद्मावरण रणनीतियों की तुलना करना चाह रहे थे। लेकिन इस विषय पर बहुत साहित्य उपलब्ध नहीं था। इसलिए उन्होंने और उनके दल ने वर्ष 1900 से लेकर जुलाई 2022 तक इस विषय पर प्रकाशित वैज्ञानिक शोधपत्रों को तलाशा। शोधकर्ताओं ने इनमें से 84 ऐसे अध्ययनों को चुना जिनमें कम से कम एक छद्मावरण रणनीति की बात की गई थी और यह देखा गया था कि शिकारी को छद्मावरणधारी शिकार को खोजने में कितना समय लगा, या छद्मावरणधारी शिकार पर शिकारियों ने कितनी बार हमला किया। टीम ने अपना विश्लेषण उन अध्ययनों तक सीमित रखा जिनमें छद्मावरणधारी शिकार की तुलना गैर-छद्मावरणधारी शिकार से की गई थी। ऐसे गैर-छद्मावरणधारी शिकार कृत्रिम थे।
इसके बाद, शोधकर्ताओं ने शिकार और शिकारियों के प्रकार और विभिन्न तरह की छद्मावरण रणनीतियों के आधार पर समूह बनाए। मसलन, किसी शिकार जीव के शरीर का रंग या पैटर्न पृष्ठभूमि से मेल खाए, या वह किसी ऐसी चीज़ जैसा नज़र आए जिसमें शिकारी की कोई रुचि न हो (जैसे किसी टहनी, या पत्ते, पक्षी की बीट या किसी मकड़ी की छोड़ी हुई त्वचा जैसा दिखना)। इस दूसरी रणनीति को स्वांग रचना कहा जाता है।
प्रोसीडिंग्स ऑफ दी रॉयल सोसायटी बी में शोधकर्ता बताते हैं कि छद्मावरण आम तौर पर शिकारियों के लिए अपने शिकार को ढूंढना मुश्किल बना देता है। इससे शिकारी द्वारा शिकार को ढूंढने में लगा समय लगभग 62 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, और शिकारी द्वारा हमले की संभावना 27 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि शिकार कैसा है। उदाहरण के लिए, छद्मावरण से इल्लियों को उनके पंखों वाले वयस्क रूप (तितली या पतंगा) की तुलना में अधिक लाभ मिलता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पतंगे और तितलियां उड़ सकती हैं और उनके पास अपने शिकारी से बचने के अन्य अनुकूलन हैं।
स्वांग रचने की रणनीति शिकार के शिकारी से बच निकलने में विशेष प्रभावी दिखी, इस रणनीति की मदद से शिकारी द्वारा शिकार खोजने के समय में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि दिखी। इसका एक उम्दा उदाहरण है ब्रिमस्टोन मॉथ (ओपिस्टोग्रैप्टिस ल्यूटोलाटा) का कैटरपिलर, जो टहनी जैसा दिखता है। इस कैटरपिलर और मुर्गियों पर हुए एक अध्ययन में पता चला था कि यदि किसी मुर्गी का सामना हाल ही में किसी टहनी से हुआ हो तो उसे स्वांगधारी कैटरपिलर को ढूंढने में ज़्यादा समय लगता है।
लेकिन अन्य वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पर बारीकी से पड़ताल की ज़रूरत है कि स्वांग सबसे प्रभावी रणनीति है। यदि वास्तव में यही बात है तो अन्य अड़चनों - जैसे आकार, सरकने या चलने की ज़रूरत - की जांच करके देखना दिलचस्प होगा क्योंकि सभी जीवों में यह रणनीति विकसित नहीं होती। शोधकर्ताओं का कहना है कि स्वांग रचने की रणनीति विकसित होने की संभावना उन जीवों में अधिक है जहां शिकार जीव और जिसकी उसे नकल करना है दोनों का आकार बराबर हो। यह रणनीति हमेशा कारगर नहीं होगी।
एक दिक्कत यह है कि विभिन्न अध्ययनों में नियंत्रण के तौर पर लिए गए गैर-छद्मावरणधारी जीव बहुत अलग-अलग तरह के थे। इसलिए उन पर शिकारियों की प्रतिक्रिया कम-ज़्यादा हो सकती है। इसके अलावा, अध्ययन में अधिकतर डैटा उत्तरी गोलार्ध के अध्ययनों से था। दक्षिणी गोलार्ध के जीवों की छद्मावरण रणनीतियों की समझ के बिना हमारी समझ अधूरी है।
फिलहाल शोधकर्ता इसी अध्ययन को एक अलग तरह से करना चाहते हैं – वे देखना चाहते हैं यदि शिकारी छद्मावरण करें तो उन्हें कितना फायदा होता है। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - November 2022
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