आप बाज़ार से ताज़ातरीन गाजर लाते हैं और फ्रिज में इस उम्मीद से रखते हैं कि वे थोड़ा लंबे समय तक ताज़ा, रसीली और खस्ता बनी रहेंगी। लेकिन आप देखते हैं कि फ्रिज में भी गाजर कुछ ही दिनों में मुरझा-सी जाती हैं और अपनी ताज़गी खो देती हैं। गाजर ही नहीं, कई सब्ज़ियों, खासकर पत्तेदार सब्ज़ियों, के साथ भी ऐसा ही होता है।
यह जानने के लिए कि ऐसा क्यों होता हैं, शोधकर्ताओं ने गाजर को लंबाई में काटकर फ्रिज में रखा। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि शीतलन से गाजर का आंतरिक भाग कैसे प्रभावित होता है। उन्होंने पाया कि फ्रिज का ठंडा वातावरण सब्ज़ियों और भोजन वगैरह को सड़ने से तो बचा देता है, लेकिन फ्रिज में चल रही वायु धाराओं के कारण सब्ज़ियां अपनी नमी खोती जाती हैं और सूख जाती हैं।
शोधकर्ताओं ने रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस में बताया है कि फ्रिज में गाजर ने 22 प्रतिशत तक नमी गंवाई थी और प्रति दिन औसतन 0.37 प्रतिशत सिकुड़ती जा रही थीं। गाजरों की नमी खोने से उनकी कोशिकाओं ने अपना आकार खो दिया, जिससे सब्ज़ियां सूख-सिकुड़ गईं। मेकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग में प्रयुक्त एक 3डी-मॉडल प्रोग्राम ने एकदम सही भविष्यवाणी की थी कि समय के साथ गाजरें कैसे मुरझाएंगी।
गाजरों के मुरझाने में एक अन्य कारक भी भूमिका निभाता है। गाजर काटने के बाद, वे उस अक्ष से मुड़ती हैं जिससे उन्हें काटा गया था - एक यांत्रिक गुण जिसे ‘अवशिष्ट तनाव’ कहा जाता है।
मॉडल ने गाजर को कुरकुरा रखने का एक तरीका भी बताया है: उन्हें ठंडे, हल्के नमीदार और एयरटाइट (सीलबंद) डिब्बे में रखें। सीधे फ्रिज की किसी शेल्फ या कंटेनर में न पटक दें। इस तरीके का उपयोग अवशिष्ट तनाव झेलने वाली चीज़ों, जैसे लकड़ी, बांस और अन्य जैविक सामग्री का स्वरूप और आकार बरकरार रखने के लिए किया जा सकता है ताकि सुरक्षित भवन, खिड़की-दरवाज़े, कलाकृतियां बनाने में मदद मिले और वे अपना स्वरूप न खोएं। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - April 2024
- सूर्य के अवसान के बाद भी कुछ ग्रह साबुत रहेंगे
- निकटवर्ती निहारिका का ब्लैक होल सचमुच है
- लोग सच के लिए वैज्ञानिकों पर भरोसा करते हैं
- न्यूरालिंक चिप: संभावनाएं और दुरुपयोग की आशंकाएं
- खुद चैटजीपीटी कहता है कि वह नस्ल-भेद करता है
- शिशु की ‘आंखों’ से सीखी भाषा
- बायोटेक जोखिमों से सुरक्षा की नई पहल
- बैक्टीरिया की ‘याददाश्त’!
- जब जीवन के चंद दिन बचें हो...
- ऊदबिलाव की पूंछ पर शल्क पैटर्न ‘फिंगरप्रिंट’ जैसा है
- जंतु भी घात लगाकर शिकार करते हैं
- आर्कटिक में प्रदूषण से ध्रुवीय भालू पर संकट
- शार्क व अन्य समुद्री जीवों पर संकट
- कॉफी के स्वाद निराले
- अलग-अलग समझ और जोखिम का आकलन
- हमारे पास कितने पेड़ हैं?
- हर्बेरियम को बंद करने के फैसले पर आक्रोश
- हर वर्ष नया फोन पर्यावरण के अनुकूल नहीं है
- कीटनाशक: प्रभाव और विकल्प
- फ्रिज में गाजर को रसीला कैसे रखा जाए
- गुमशुदा जलमग्न महाद्वीप का मानचित्र
- चींटियों ने शेरों की नाक में किया दम