कैरन हैडॉक

अक्सर एक विद्यार्थी के सवाल का सबसे अच्छा जवाब एक ऐसा प्रति-प्रश्न होता है जो विद्यार्थी को खुद जबाब ढूंढने या सोचने को प्रेरित करे। तरह-तरह के सवालों के उदाहरण देता हुआ एक लेख।

सवाल पूछना पढ़ाने के लिए एक मूलभूत ज़रूरत है। जवाब देने से कहीं ज्यादा ज़रूरी है कि हम सवाल पूछे और अपने विद्यार्थियों को भी सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। आमतौर पर विद्यार्थी थोड़ा गहराई से सोचकर, तार्किक तरीके से कारण ढूंढकर, किताबंन पढ़कर, एक-दूसरे से पूछकर अपने जवाब खुद ही ढूंढ सकते हैं।
कक्षा को कोई बात बताने से पहले आप अपने से पूछिए कि क्या इसके बदले आप कोई ऐसा सवाल पूछ सकते हैं जिससे कोई विद्यार्थी वह (या वैसी ही) बात बता दे। ज़रा परखिए तो सही कि जो बात आप बताने जा रहे हैं, हो सकता है वह किसी विद्यार्थी को पहले से ही पता हो। अक्सर एक विद्यार्थी के सवाल का सबसे अच्छा जवाब एक ऐसा प्रति-प्रश्न होता है जो विद्यार्थी को खुद जवाब ढूंढने या सोचने को प्रेरित करे।

आकलन या मूल्यांकन के लिए भी यह जरूरी होता है कि हम अच्छे प्रश्न पूछना जानें। विद्यार्थियों का आकलन करके यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चों ने कितना सीखा है, उन्हें किन क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है, किन कौशलों में सुधार की ज़रूरत है, उनमें क्या गलतफहमियां हैं, किन कौशलों व क्षेत्रों में वे अच्छे हैं, आदि, आदि। आकलन की मदद से शिक्षक व पालक यह भी जान सकते हैं कि उनका पढ़ाना कितना कारगर है - आकलन उन्हें नए तरीके सुझा सकता है और यह बता सकता है कि किस सामग्री पर ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। आकलन प्रोत्साहन देने वाला होना चाहिए, हतोत्साहित करने वाला नहीं। शिक्षण और आकलन साथ-साथ चलना चाहिए। ये दोनों लगातार चलने वाली प्रक्रियाएं हैं।
ऐसे प्रश्न सोचने की कोशिश करें जो विद्यार्थियों को एक सामान्य से ऊंचे स्तर पर सोचने को बाध्य करें। जो समझने, समझी हुई बात को लागू करने, तुलना करने, वर्गीकरण करने, विश्लेषण करने, जोड़कर देखने, परखने, अनुमान लगाने, निर्णय करने, कुल मिलाकर सृजनात्मक होने को बाध्य करें; जिससे उन्हें आनन्द मिले और वे विषय के प्रति ज्यादा रुचि लें। आपके द्वारा पूछे गए सवाल विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान और अनुभव पर निर्भर करेंगे, और कक्षा में आप के द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों पर भी।

याददाश्त से परे सवाल क्यों ?
उदाहरण के लिए इस सवाल पर गौर करें:
गंगा इलाहाबाद से पटना की ओर बहती है या पटना से इलाहाबाद की ओर?
आप विद्यार्थियों को इस सवाल का जवाब बता सकते हैं और उन्हें कह सकते हैं कि वे उसे याद रखें। या फिर आप उन्हें पहाड़, नदी, समुन्दर, पानी, रेत का अभिनय करवा सकते हैं ताकि वे यह सीख सकें कि कैसे पानी पहाड़ों से समुन्दर की ओर बहता है। फिर आप उन्हें नक्शे में उन पहाड़ों को ढूंढने को कह सकते हैं जहां से गंगा बहती है और उस समुद्र को भी जहां तक वह जाती है। गंगा के बहाव के रास्ते में वे इलाहाबाद और पटना भी ढूंढ सकते हैं और इस सवाल का जवाब खुद ही पता कर सकते हैं। दुसरे तरीके में कहीं ज्यादा समय और ऊर्जा की जरूरत होगी पर इससे।
1. विद्यार्थियों को भूगोल में मज़ा आने लगेगा।
2. एक ऐसे महत्वपूर्ण सिद्धांत की समझ विकसित होगी जो उन्हें कई सवालों के हल खोजने में मदद करेगा (कि नदियां ऊंचे पहाड़ों से नीचे के समुन्दरों की ओर बहती हैं।
3. वे और सवाल पूछने और उनके जवाब खुद ढूंढने को प्रेरित होंगे।
4. वे गहराई से सोचने को बाध्य होंगे।
5. उन्हें जवाब याद रहेगा।

सिर्फ याद रखने के बजाय समझें   
अगर आप एक ऐसा सवाल पूछते हैं जिसका उत्तर विद्यार्थी पहले भी दे चुके हैं या जो उन्हें बताया जा चुका है, तो आप उनसे सिर्फ कुछ याद रखने की अपेक्षा करते हैं। इसके बजाय उनसे बिल्कुल नए प्रश्न पूछने की कोशिश कीजिए, ऐसे प्रश्न जिनके बारे में विद्यार्थियों ने कभी सोचा ही न हो।
एक ही सवाल सिर्फ याद्दाश्त की जांच करने वाला सवाल भी हो सकता है और जटिल स्तर पर सोचने की मांग भी कर सकता है। सवाल किस कौशल को बढ़ावा देगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि विद्यार्थियों को पहले से क्या बताया गया है। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने यह सवाल पूछा, "कुछ लोग, आज भी खेती नहीं करते हैं और अपना सारा भोजन शिकार करके या बीनकर इकट्ठा कर लेते हैं। तुम्हें क्या लगता है कि वे ऐसा क्यों करते हैं?" अगर आपने कक्षा को पहले से यह बता दिया हो कि कुछ लोगों को खेती नहीं करनी पड़ती क्योंकि जिन जंगलों में वे रहते हैं वहां ढेर सारा भोजन उपलब्ध रहता है, तो उन्हें सिर्फ अपनी याद्दाश्त की ज़रूरत पड़ेगी। लेकिन अगर कक्षा ने पहले सिर्फ यह चर्चा की हो कि शिकारी मानव कैसे रहते हैं और खेतीहर किसान कैसे रहते हैं, बिना यह चर्चा किए कि वे ऐसे क्यों रहते हैं, तो फिर विद्यार्थियों को ये चर्चाएं याद करनी होंगी और कारण ढूंढने के लिए याद में बसी बातों का विश्लेषण भी करना होगा।

तुलना करें      
-- दुनिया के विभिन्न भागों के भौगोलिक और राजनैतिक पहलुओं की तुलना करें।
-- इतिहास में अलग-अलग कालखंड और जगहों की तुलना करें।
-- अलग-अलग राजनैतिक व्यवस्थाओं की तुलना करें।
-- विभिन्न लोगों के फर्क दृष्टिकोण की तुलना करें।
-- अपने एटलस के नक्शों की मदद

वर्गीकरण करें     
-- अपने एटलस के नक्शों की मदद से पता लगाएं कि कौन-से देश प्रमुख रूप से रेगिस्तानी हैं (या पहाड़ों से भरे हैं या कृषि प्रधान हैं आदि)।
-- नक्शों को देखकर पता लगाएं कि किन राज्यों में कपास या सोयाबीन उगाया जाता है।
-- अपनी किताब के नक्शों को देखकर वे राज्य ढूंढिए जो कभी गुप्त साम्राज्य का हिस्सा थे।

विश्लेषण करें    
एक नए सवाल को हल करने के लिए कुछ खास कौशलों का उपयोग करें। उदाहरण के लिए :
1. दो बड़ी संख्याओं का गुणनफल निकालने के लिए गणित के पहाड़ों के ज्ञान का उपयोग करें।
2. दी गई चीज़ों को नापें।
3. इस नक्शे की मदद से फलाने शहर को अक्षांश-देशांश पता लगाएं।
4. ग्राफ कागज़ की मदद से एक राज्य का क्षेत्रफल निकालें।
5. आपको क्या लगता है कि भारत में इतनी सारी भाषाएं क्यों बोली जाती हैं।

'क्यों' वाले सवाल    
यह पूछे कि कोई जवाब सही क्यों है? या कोई घटना क्यों होती है या हुई? जैसेः
-- बताओ (7 x 6) +3 का योग | 7 x (6+3) से कम क्यों है?
-- सम्राट अशोक ने युद्ध लड़ना बंद करने का फैसला क्यों किया?
-- कछुए घोंघों से तेज़ क्यों दौड़ते हैं?
-- पहाड़ों पर ऊंचाई में लगे पेड़ों की ऊंचाई कम क्यों होती है? और पहाड़ों पर जैसे-जैसे ऊपर चढ़े, पेड़ों की ऊंचाई कम क्यों होती जाती है?
-- 5 और 50 समान क्यों हैं?

सीखने का फायदा क्या है?   
1. आपको यह क्यों सीखना चाहिए कि 'गैस' क्या होती है?
2. गणित के पहाड़े क्यों मालूम होना चाहिए?
3. सिन्धु घाटी के बारे में पढ़ने का क्या उपयोग है?
इस तरह के सवाल पूछना सिर्फ इसलिए ज़रूरी नहीं कि विद्यार्थी इन चीज़ों को सीखने का महत्व या उपयोग समझ पाएं है; बल्कि इसलिए भी ताकि आपको यह पता चले कि वे इन बातों को इतनी अच्छी तरह समझ पाए हैं कि उनकी उपयोगिता का विश्लेषण कर सकें।

क्या आप साबित कर सकते हैं?
सिर्फ अन्तर याद रखना ही काफी नहीं है - विद्यार्थियों को यह भी समझ में आना चाहिए कि कोई जवाब सही या गलत क्यों है। उन्हें अपनी बात को तर्क के सहारे, उदाहरणों की मदद से समझाने और अपने मतों को सही साबित करने का भी अभ्यास मिलना चाहिए।

चित्र या रेखाचित्र से समझाएं
आज के चंडीगढ़ (या आगरा या भोपाल) या 20 साल पहले के होशंगाबाद के जीवन के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं के उदाहरण दिखाता हुआ एक चित्र बनाइए।

ग्राफ बनाए, उसका इस्तमाल करें
-- इस ग्राफ को देखकर बताएं कि वेनेजुएला से निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुएं कौन-सी हैं?
-- एक ग्राफ बनाकर बताएं कि पिछले 80 सालों में जनसंख्या में स्त्री-पुरुष अनुपात में क्या बदलाव आए हैं?
-- क्या इस ग्राफ से आप यह पता लगा सकते हैं कि भारत में मुसलमान लोगों की संख्या अधिक है या पाकिस्तान में?  

रूपरेखा बनाएं
-- इस पाठ की रूपरेखा (सार) बनाएं। कोशिश करें कि संपूर्ण वाक्यों का उपयोग न हो।
-- निम्न सवाल के जवाब में एक पेज लिखने से पहले, उन बिन्दुओं को जोड़कर जवाब की एक रूपरेखा
लिखिए जिन पर आपका जवाब आधारित होगा।

सार लिखना
इस पाठ के तीसरे पैरा में कही गई सबसे महत्वपूर्ण बात का सार एक वाक्य में लिखिए।

एक अलग नज़रिए से देखें
-- अगर आप एक सम्राट होते, तो आप क्या सोचते ?
-- मान लीजिए कि आप एक किसान हैं, तब आप क्या सोचते?

क्या होगा अगर...?
-- अगर मनुष्य के शरीर पर भी बाल या ऊन होता जैसे कई जानवरों पर होता है? तो इतिहास का विकास कैसे बदल जाता?
-- अगर भारत को अब तक ब्रिटेन से स्वाधीनता न मिली होती, तो आपका जीवन किस तरह से अलग होता?


कैरन हैडॉक स्वतंत्र चित्रकार। चंड़ीगढ़ की एक स्कूल में अध्यापन कार्य कर रही है। बायोफिजिक्स में शोधकार्य।
अनुवाद- हुलदुल मिस्वास। एकलव्य द्वारा प्रकाशित होने वाली बाल विज्ञान पत्रिका 'चकमक' से जुड़ी हैं।