Sandarbh - Issue 103 (March-April 2016)
1 तनों के फेफड़े हैं लेंटीसेल - किशोर पंवार [Hindi,PDF 300KB]
ज़्यादातर पेड़ों की बाहरी परत हमें मोटे, सूखे, खुरदरे तने के रूप में दिखाई देती है। बाहर से ये बेजान-से लगते हैं। इन सूखी काली छाल के नीचे उपस्थित हैं जीवित कोशिकाएँ जिन्हें साँस लेने के लिए ऑक्सीजन चाहिए। सवाल यह है कि वातावरण की ऑक्सीजन-युक्त हवा अन्दर किन युक्तियों से प्रवेश करती है। Read article...
2 अन्तरिक्ष खोजी यान रोज़ेटा-फिले का मिशन - ए आर पी राव [Hindi,PDF 260KB]
अन्तरिक्ष की हमारी खोज का नवीनतम नमूना है यूरोपीय अन्तरिक्ष खोजी यान रोज़ेटा-फिले। इस पूरे अभियान को उससे जुड़ी कुछ संख्याओं और उसके पीछे की भौतिकी के परिप्रेक्ष्य के नज़रिए से जानने की कोशिश करेंगे। Read article...
3 क्या एंटीबायोटिक दवाएँ बेकार होती जा रही हैं? - सत्यजित रथ [Hindi,PDF 130KB]
एंटीबायोटिक दवाओं के लगातार बढ़ते प्रयोग से कई सारे बैक्टीरिया ने एंटीबायोटिक के प्रति एक तरह का प्रतिरोध कायम कर लिया है। यानी अब वह एंटीबायोटिक उस खास बैक्टीरिया के लिए प्रभावी नहीं रही। यह दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। तो क्या एंटीबायोटिक दवाएँ बेकार होती जा रही हैं? Read article...
4 आधी हकीकत, आधा फसाना - सुशील शुक्ल [Hindi,PDF 2600KB]
साहित्य में भी क्या जीवन होता है? आपके पूरे अन्तस को उजास से भर देता है। वास्तव में हमारा जीवन एक साझा जीवन है जिसे हमने और हमारे परिवेश ने मिलकर गढ़ा है। साहित्य इस साझेपन को बचाए रखने में हमारी मदद करता है। साहित्य पर बातें करता यह लेख। Read article...
5 वॉट्सएप वार्तालाप - माधव केलकर [Hindi,PDF 236KB]
छत्तीसगढ़ में कुछ नवाचारी विज्ञान शिक्षकों ने अपना एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया है जिसके ज़रिए वे अपने स्कूल में कराए गए प्रयोगों और परिणामों को सभी से साझा करते हैं। इस लेख के ज़रिए हम इस रोचक बातचीत को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। Read article...
6 समझ गए न - मूलचन्द बोहरा [Hindi,PDF 210KB]
हम जानते हैं कि सभी बच्चों की समझ का स्तर और समझने का तरीका एक-सा नहीं होता। कक्षा में अक्सर शिक्षण के दौरान जब शिक्षक यह सवाल करते हैं कि - समझ गए न? - तो शायद ही कोई बच्चा या बच्ची ना में जवाब देता या देती हो। तो क्या सभी लोग समझ गए होते हैं? आइए इस हाँ, ना के बीच बच्चों की स्थिति को समझते हैं। Read article...
7 भोजन और बीमारी - आइज़ेक एसीमोव [Hindi,PDF 180KB]
आज यह बात लगभग सभी जानते हैं कि सन्तुलित भोजन हमें कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। 18वीं शताब्दी का वह भी दौर था जब लम्बी यात्राएँ करने वाले नाविक भर पेट भोजन करने के बाद भी कुछ खास तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते और कोई कारण समझ न आता। कैसे इन खास रोग के कारणों और इलाज तक पहुँचे वैज्ञानिक? Read article...
8 गीत-कविता की ज़रूरत और काम के तरीके - प्रभात [Hindi,PDF 126KB]
बच्चों के भाषाई विकास के लिए हमने उनके किताबी बोझ तो बढ़ा दिए हैं पर इसके स्वाभाविक अवसरों को कम कर दिया है। भाषा विज्ञान और गणित से बिलकुल अलहदा है। इसमें अन्य विषयों का शिक्षण तरीका नहीं चलेगा। यहाँ तो शिक्षकों को भी तैयारी करनी होगी। पाठ्य सामग्री चुननी होगी और बदलना होगा अपना तरीका। Read article...
9 पिण्टी का साबुन - संजय खाती [Hindi,PDF 355KB]
साबुन, एक बहुत ही आम वस्तु जिसका इस्तेमाल हम रोज़ ही कई बार करते हैं पर यही खास बन जाती है जब वह एक ऐसे लड़के के हाथ लगती है जिसके पूरे परिवार और परिवेश ने महज़ इसका नाम ही सुना है। पिण्टी, साबुन को सभी से बचा लेना चाहता है और सभी उसे एक बार छू लेना चाहते हैं। इस प्रयास में कैसे-कैसे वाकयात बनते हैं आइए देखते हैं। Read article...
10 सवालीराम [Hindi,PDF 123KB]
पतझड़ में पत्तियाँ अपना रंग क्यों बदलती हैं? इस बात को विज्ञान की नज़र से टटोलता इस बार का सवालीराम। Read article...