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Sandarbh - Issue 115 (March-April 2018)
- ब्लैक विडो
- तितलियों के सहारे पौधे की पहचान
- मनुष्य के कपड़ों की कहानी जूँ और आणविक घड़ियों की ज़ुबानी
- हल्का-फुल्का, नज़रें चुराता न्यूट्रिनो
- कक्षा में कविता
- ‘बसना’ एक पाँच हज़ार साल पुराने शहर का
- बालोतरा के बैल और उनके गले की मोतीमाला
- मालती महोदय का यों जाना : एक अध्याय का अधूरा रह जाना
- सातवाँ आदमी
- सवालीराम-115
Sandarbh - Issue 115 (March-April 2018)
- Identification of Plants With the Help of Butterfies by Kishore Powar
[Hindi, PDF, 315 kB]
तितलियों के सहारे पौधे की पहचान - किशोर पंवार - अपना जीवनचक्र पूरा करने के लिए तितलियों को दो प्रकार के पौधों की ज़रूरत होती है। ये अपने अण्डे देने के लिए कुछ खास पौधों की पत्तियों को ढूँढ़ती हैं जिन्हें इल्ली-पोषक यानी लार्वल होस्ट प्लांट कहते हैं। दूसरे पौधे जिनसे तितली मकरन्द प्राप्त करती है उन्हें नेक्टर प्लांट अर्थात् मकरन्द पौधे कहते हैं। लार्वल होस्ट प्लांट के बारे में और भी कुछ खास बातें यहाँ बताई गई हैं। Read article... - Story of Human Clothes by Lice and Molecular Clock by Anirban Mitra.Translated by Sushil Joshi
[Hindi, PDF, 160 kB] [English PDF]
मनुष्य के कपड़ों की कहानी, जूँ और आणविक घड़ियों की ज़ुबानी - अनिर्बन मित्र - आम तौर पर स्तनधारियों की लगभग सारी प्रजातियाँ जूँ की मेज़बान होती हैं। यानी जूँ इनके शरीर पर पलती हैं। यदि इन्सान की बात करें तो इनके शरीर पर जूँ की तीन प्रजातियाँ पलती हैं। सिर के बाल पर एक अलग प्रजाति तो शरीर की त्वचा व कपड़ों पर पलने वाली अन्य प्रजातियाँ। इनमें से बालों में पलने वाली प्रजाति यदि पहले-पहल हमारे में आई तो शेष दो प्रजातियाँ कैसे विकसित हुईं, वे शरीर के अन्य हिस्सों तक ही कैसे सीमित रहीं? इन्सान द्वारा परिधान का इतिहास और जूँ की प्रजातियों का विकास का ब्यौरा भी है इस लेख में। Read article... - Light Weight Neutrino by Bhas Bapat. Translated by Sushil Joshi [Hindi, PDF, 270 kB]
हल्का-फुल्का, नज़रें चुराता न्यूट्रिनो - भास बापट - आज की हमारी समझ के मुताबिक परमाणु ऋणावेशित हल्के-फुल्के इलेक्ट्रॉन और एक भारी-भरकम धनावेशित नाभिक से बना होता है। यह भी बताया जाता है कि नाभिक प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से बनता है। इनमें से न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता जबकि इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन पर बराबर-बराबर ऋण व धन आवेश होते हैं। न्यूट्रॉन और प्रोटॉन का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है। न्यूट्रॉन के बारे में कुछ और गहरी बातें जो परमाणु की हमारी समझ को समग्र बनाती है। Read article... - Black Widow by Vipul Keerti Sharma [Hindi, PDF, 260 kB]
ब्लैक विडो - विपुल कीर्ति शर्मा - मकड़ियों की कई प्रजातियाँ हमारे आसपास होती हैं। इनमें से एक ब्लैक विडो भी है। दिखने में शालीन लेकिन काट ले तो ज़हर का असर खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है। इस मकड़ी के रहवास और आदतों पर काफी जानकारी है इस लेख में। Read article... - Poems in a Classroom by Kamlesh Chandra Joshi [Hindi, PDF, 325 kB]
कक्षा में कविता - कमलेश चन्द्र जोशी - शिक्षक बच्चों के साथ पाठ्यपुस्तकों में दी गई कविताएँ तो करवाते ही हैं, कभी-कभी इनसे इतर किताबों से कविता, तुकबन्दी जैसा कुछ करवाने से कक्षा का माहौल ही बदल जाता है। बच्चे में अपना सृजन दिखा पाते हैं। Read article... - Ox of Balotara and Chain of Beads in their Necks by Mohammad Umar [Hindi, PDF, 455 kB]
बालोतरा के बैल और उनके गले की मोतीमाला - मोहम्मद उमर - शिक्षक व शिक्षक प्रशिक्षक अक्सर टीएलएम की खोजबीन करते रहते हैं। कभी-कभी टीएलएम बना-बनाया मिल जाता है तो कभी जुगाड़ करके बनाना होता है। टीएलएम जुगाड़ने का ऐसा ही एक किस्सा यहाँ भी है। Read article... - Settlement of a Five Thousand Years Old City by Varsha [Hindi, PDF, 270 kB]
बसना एक पाँच हज़ार साल पुराने शहर का - वर्षा - हम सब पाठ्यपुस्तकों में सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों के बारे में पढ़ते आए हैं। आनंद निकेतन डेमोक्रेटिक स्कूल के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने मिलकर छोटी-छोटी ईंट पकाकर, कागज़ की लुगदी की मदद से सैंधव नगरों जैसे नगर, मकान, नालियाँ, मूर्तियाँ बनाने व उस दौर को समझने की कोशिश की। Read article... - Malti Mahoday has Passed Away – A Chapter has Remained Incomplete by Kalu Ram Sharma
[Hindi, PDF, 150 kB]
मालती महोदय का यों जाना, एक अध्याय का अधूरा रह जाना - कालू राम शर्मा - होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम की स्रोत शिक्षिका जिनकी पिछले दिनों कैंसर की वजह से मौत हुई। उनके ही एक सहयोगी कुछ संस्मरण बता रहे हैं। Read article... - Saatva Aadmi by Haruki Murakami. Translated by Sushant Supriya [Hindi, PDF, 515 kB]
सातवाँ आदमी - हारुकी मुराकामी - जापानी कहानीकार हारुकी मुराकामी की एक मशहूर कहानी। समुद्री तूफान में एक बच्चे द्वारा अपने करीबी दोस्त को खोने की कहानी। इसका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। Read article... - Why do Acid Burns the Skin from Sawaliram. By Rudrashis Chakravorty. Translated by Bharat Tripathi
[Hindi, PDF, 80 kB] [English PDF]
तेज़ाब से शरीर क्यों जल जाता है? ऐसा क्या होता है उसमें - सवालीराम - आम तौर पर अखबार या न्यूज़ चैनल से सुनकर बच्चे ने यह सवाल पूछा था। तेज़ाब एक ओर शरीर की त्वचा को तो जलाता ही है, साथ ही कोशिकाओं, ऊतकों को भी नुकसान पहुँचाता है। तेज़ाब से जलने के बाद क्या इलाज किया जाता है, नुकसान को कम-से-कम रखने के लिए क्या किया जाता है -- ऐसे ही कुछ बिन्दुओं पर बात है यहाँ। Read article...