जिराफ की लंबी गर्दन तो मशहूर है, खास तौर से जीव वैज्ञानिकों के बीच। इस लंबी गर्दन का उपयोग लैमार्क के विकासवाद के एक उदाहरण के तौर पर किया जाता रहा है। लैमार्क का कहना था कि जब कोई जीव अपने किसी अंग का भरपूर उपयोग करता है तो वह अंग विकसित होने लगता है और जिस अंग का उपयोग नहीं किया जाता, वह छोटा होते-होते गायब भी हो सकता है। कई वैज्ञानिकों के प्रयासों से लैमार्क का उपयोग-अनुपयोग का सिद्धांत गलत साबित हो चुका है मगर जिराफ की गर्दन तो बरकरार है।
पेन विश्वविद्यालय के डगलस केवेनर ने जिराफ और उसके निकट सम्बंधी ओकेपी के जीनोम की तुलना करके दर्शाया है कि चंद दर्ज़न भर जेनेटिक परिवर्तनों के चलते ही जिराफ की गर्दन लंबी हो गई जबकि ओकेपी वहीं का वहीं रह गया।
केवेनर के दल ने इन दोनों प्रजातियों के जीनोम का अनुक्रमण किया तो पाया कि जिराफ के जीनोम में लगभग 70 जीन्स ऐसे हैं जो ओकेपी से भिन्न हैं। ज़्यादा बारीकी से देखने पर पता चला कि इनमें से 46 जीन्स कंकाल, हृदय-रक्त संचार तंत्र अथवा तंत्रिका तंत्र के विकास का नियमन करते हैं। ज़ाहिर है, जिराफ की लंबी गर्दन अकेले तो नहीं आई होगी; हड्डियों के विकास के साथ-साथ इतनी ऊंचाई तक खून पहुंचाने के लिए रक्त संचार तंत्र भी विकसित हुआ होगा, और तंत्रिका तंत्र में भी परिवर्तन हुए होंगे।
केवेनर का यह अध्ययन शारीरिक लक्षणों के विकास का एक विस्तृत चित्र पेश करता है। इससे पता चलता है कि आधुनिक जिराफ के विकास में कितने पेचीदा बदलावों की ज़रूरत पड़ी होगी। वैसे केवेनर नेे अभी यह सिद्ध नहीं किया है कि जो जीन उन्होंने पहचाने हैं वे ही जिराफ की लंबी गर्दन के लिए ज़िम्मेदार रहे होंगे। मगर वे इतना ज़रूर दर्शा पाए हैं कि ये जीन्स अन्य जीवों में इन्हीं लक्षणों का नियंत्रण करते हैं और जिराफ में इनके परिवर्तित रूप पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, केवेनर द्वारा पहचाना गया एक जीन चूहों में गर्दन के विकास का नियमन करता है। जिराफ में इस जीन का परिवर्तित रूप पाया गया।
पिछले वर्ष ही कुछ अन्य शोधकर्ताओं ने जिराफ और ओकेपी दोनों के एक विलुप्त हो चुके साझा पूर्वज का अध्ययन करके यह समझने का प्रयास किया था कि जिराफ अतीत में कैसा दिखता होगा। यह पूर्वज सेमोथेरियम मेजर (Samotherium major) करीब 70 लाख साल पहले लुप्त हो गया था। इसकी गर्दन करीब 1 मीटर लंबी थी जबकि आजकल के जिराफ की गर्दन 2.6 मीटर की होती है। अब वैज्ञानिक इसी अध्ययन को जेनेटिक स्तर पर करके जिराफ की गर्दन की लंबाई बढ़ने की घटना को समझने का प्रयास करेंगे। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - July 2016
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