किसी नए तत्व की खोज होने पर उसका नामकरण उसके खोजकर्ता के नाम पर करने की परंपरा रही है। किंतु किसी व्यक्ति के जीवित रहते हुए तत्व नामकरण उसके नाम पर करना इतिहास में मात्र दूसरी बार हुआ है। परमाणु संख्या 118 वाले तत्व का नाम यूरी ओर्गानेसॉन के नाम पर ओर्गानेसॉन रखा गया है। इससे पहले ग्लेन सीबोर्ग के जीते जी एक तत्व का नाम सीबोर्गियम रखा गया था।
इस तत्व की खोज (या निर्माण कहना ज़्यादा सही होगा) वर्ष 2002 में की गई थी। यह खोज रूसी व अमरीकी वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम ने रूस के डूब्ना में स्थित जॉइन्ट इंस्टीट्यूट फॉर न्यूक्लियर रिसर्च में की थी। इसके बाद 2015 में रसायन शास्त्रियों और भौतिक शास्त्रियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (IUPAC और IUPAP) ने ओर्गानेसॉन समेत चार नए तत्वों को मान्य किया था और 2016 में इसे इसकी परमाणु संख्या के आधार पर अस्थायी नाम मिला था - Ununoctium और संकेत Uuo। अब यूरी ऑर्गेनेसॉन के सम्मान में इसे ऑर्गानेसॉन कहा जाएगा और इसका संकेत होगा Og।
यूरी ऑर्गानेसॉन 1965 से नए-नए तत्वों की खोज में लगे हैं। उस समय कुल 101 तत्व थे, आज इनकी संख्या 118 है। ऑर्गानेसॉन ने बताया है कि नए तत्व बनाने के लिए पहले परमाणु को तेज़ गति दी जाती है - प्रकाश की गति का लगभग दसवां भाग। फिर इन तेज़ भागते परमाणुओं को भारी तत्वों के परमाणु से टकराया जाता है। यह बहुत बिरली घटना होती है कि इस टक्कर के बाद परमाणु आपस में जुड़कर नया भारी तत्व बना लें।
सवाल यह भी है कि वैज्ञानिक भारी तत्व बनाने की कोशिश क्यों करते रहते हैं। यूरी ऑर्गानेसॉन का कहना है कि परमाणु के अस्तित्व के लिए एक ऐसे केंद्रक का होना ज़रूरी है जिसमें उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन जैसे कणों के बीच आकर्षण और विकर्षण के बलों का संतुलन बन सके। एक मान्यता है कि इन कणों की कोई जादुई संख्या होती है जहां यह संतुलन बनता है। वैज्ञानिक यही जादुई संख्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल ज्ञात तत्वों में ऑर्गानेसॉन की परमाणु संख्या सर्वाधिक है और यह बहुत अस्थिर है। 2005 के बाद से ऑर्गानेसॉन के मात्र 4 परमाणु देखे गए हैं। अभी इस तत्व के गुणधर्मों को लेकर कई अनुमान लगाए गए हैं। उदाहरण के लिए, हालांकि यह निष्क्रिय गैस समूह का सदस्य है किंतु अनुमान लगाया गया है कि यह काफी क्रियाशील होगा। इसी प्रकार से पहले सोचा गया था कि सामान्य परिस्थितियों में यह गैसीय तत्व होगा किंतु अब गणनाएं बता रही हैं कि यह ठोस होना चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि उक्त अनुमानों की जांच की जा सकेगी। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - June 2017
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