संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की सरहद पर एक झील है एरी झील। हाल ही में इस झील के किनारे बसे शहर टोलेडो (ओहायो प्रांत) के नागरिकों ने 61 प्रतिशत मतों से इसे एक व्यक्ति का दर्जा देने के कानून को समर्थन दिया है।
एरी झील अमेरिका की चौथी सबसे बड़ी और दुनिया भर की ग्यारहवीं सबसे बड़ी झील है। झील लगभग 25,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। पिछले वर्षों में यह अत्यधिक प्रदूषित झीलों में से एक रही है। आसपास के खेतों से बहकर जो पानी इस झील में पहुंचता है उसमें बहुत अधिक मात्रा में फॉस्फोरस व नाइट्रोजन होते हैं। ये शैवाल के लिए उर्वरक का काम करते हैं और झील की पूरी सतह ज़हरीली शैवाल से ढंक जाती है। हालत यह हो गई थी कि इस झील का पानी पीने योग्य नहीं रह गया था। पिछले वर्ष गर्मियों में यहां के 5 लाख नागरिकों को पूरी तरह बोतल के पानी पर निर्भर रहना पड़ा था। यह झील इसके आसपास लगभग 875 कि.मी. के तट पर बसे विभिन्न शहरों के करीब 1 करोड़ लोगों के लिए पेयजल का रुाोत है।
झील की इस स्थिति से चिंतित होकर पिछले कई वर्षों से ओहायो में एक आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन ने एक कानून तैयार किया है जिसके तहत एरी झील को व्यक्ति का दर्जा दिया जाएगा। पिछले माह हुए मतदान में 61 प्रतिशत मतदाताओं ने इस कानून को समर्थन दिया है। इस कानून के तहत टोलेडो के नागरिकों को यह अधिकार मिल जाएगा कि वे एरी झील की ओर से प्रदूणकारियों पर मुकदमा चला सकेंगे।
इससे पहले इक्वेडोर, न्यूज़ीलैंड, कोलंबिया और भारत में भी नदियों, और जंगलों को व्यक्ति का दर्जा दिया जा चुका है। संभावना जताई जा रही है कि यूएस की इस नज़ीर के बाद कई अन्य स्थानों पर भी ‘प्रकृति के अधिकारों’ का यह आंदोलन ज़ोर पकड़ेगा।
कानूनी विशेषज्ञ ऐसे किसी कानून को लेकर दुविधा में हैं। कुछ लोगों को लगता है कि यह कानून संवैधानिक मुकदमों में टिक नहीं पाएगा। उनको लगता है कि परिणाम सिर्फ यह होगा कि मुकदमेबाज़ी में ढेरों पैसा खर्च होगा।
दूसरी ओर, कई अन्य लोगों का मानना है कि चाहे यह कानून मुकदमेबाज़ी में उलझ जाए किंतु यहां नागरिकों ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे प्रकृति के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। (स्रोत फीचर्स)