पाकिस्तान के तट के समीप 6 साल पहले भूकंप के कारण अस्तित्व में आया एक छोटा-सा द्वीप हाल ही में लहरों में समा गया है।
दरअसल साल 2013 में पाकिस्तान में आए तीव्र भूकंप के कारण तट के नज़दीक समुद्र में एक द्वीप बन गया था। रिक्टर पैमाने पर 7.7 की तीव्रता के इस प्रलयंकारी भूकंप में लगभग 320 लोग मारे गए थे और हज़ारों लोग बेघर हो गए थे। अरेबियन टेक्टॉनिक प्लेट के युरेशियन प्लेट पर रगड़ने के कारण नीचे दबी मिट्टी ज्वालामुखी से बाहर निकलने लगी। ऐसे ज्वालामुखी जो आग और लावा की बजाय कीचड़ उगलते हैं, उन्हें मड वॉल्केनो या पंक ज्वालामुखी कहते हैं। यह इतनी तेज़ी से बाहर निकली कि इसके साथ चट्टान और चिकने पत्थर भी ऊपर आ गए और इस द्वीप की सतह पर जमा हो गए। यह द्वीप 20 मीटर ऊंचा, 90 मीटर चौड़ा और 40 मीटर लंबा था। इस पंक ज्वालामुखी विस्फोट से निकले मलबे से बने इस द्वीप को ज़लज़ला कोह नाम दिया गया था।
इस दौरान लिए गए उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि समय के साथ यह द्वीप किनारों से धीरे-धीरे खत्म होता गया और 27 अप्रैल के चित्रों में यह पूरी तरह ओझल हो गया। लेकिन ज़लज़ला कोह अभी पूरी तरह गायब नहीं हुआ है। द्वीप के स्थान के आसपास इस द्वीप के पदार्थ मंडरा रहे हैं।
नासा के अनुसार इस क्षेत्र में पंक ज्वालामुखी विस्फोटों से द्वीपों के बनने और गायब हो जाने का लंबा इतिहास रहा है। तेज़ी से जमा हुई गाद से बने इस ज़लज़ला कोह द्वीप की लंबे समय तक रहने की संभावना वैसे भी नहीं थी। नासा के अनुसार इन दरारों से भविष्य में और भी द्वीप बनने की संभावना है। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - October 2019
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