युनीक्योर (uniQure) कंपनी ने स्पष्ट किया है कि हीमोफीलिया की जीन थेरेपी के एक क्लीनिकल ट्रायल के दौरान एक मरीज़ में देखा गया लीवर कैंसर एडीनो-एसोसिएटेड वायरस (एएवी) की वजह से नहीं हुआ है। गौरतलब है कि जीन थेरेपी में किसी जीन को शरीर में पहुंचाने के लिए एएवी को वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
युनीक्योर कंपनी हीमोफीलिया के उपचार में जीन थेरेपी का क्लीनिकल परीक्षण कर रही थी। इस परीक्षण के दौरान दिसंबर 2020 में एक मामला सामने आया जिसमें देखा गया कि मरीज़ के लीवर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि सक्रिय हो गई। ऐसा माना गया कि यह जीन थेरेपी में इस्तेमाल किए गए एएवी की वजह से हुआ है। लेकिन युनीक्योर द्वारा मरीज़ की ट्यूमर कोशिकाओं का परीक्षण करने पर पाया गया गया कि एएवी के जीनोम के अंश मरीज़ की मात्र 0.027 प्रतिशत कैंसर कोशिकाओं में बेतरतीब ढंग से मौजूद थे। यदि एएवी ने कैंसर कोशिकाओं को उकसाया होता तो वायरल डीएनए कई सारी ट्यूमर कोशिकाओं में दिखना चाहिए था, जैसा कि नहीं हुआ।
इसके अलावा अध्ययन में मरीज़ की ट्यूमर कोशिकाओं में कई ज्ञात कैंसर उत्परिवर्तन भी दिखे। साथ ही मरीज़ लंबे समय से हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से ग्रसित भी था जो लीवर कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
चिल्ड्रंस हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया के डेनिस सबेतीनो बताते हैं कि हीमोफीलिया के उपचार के लिए जीन थेरेपी में उपयोग किया जाने वाला एएवी लीवर ट्यूमर के लिए ज़िम्मेदार नहीं पाया जाना इस क्षेत्र में आगे के कार्यों के लिए सकारात्मक साबित होगा।
युनीक्योर के साथ ही ब्लूबर्ड कंपनी ने भी अपने एक क्लीनिकल परीक्षण के दौरान सामने आए मामले को स्पष्ट किया है - सिकल सेल रोग के उपचार के लिए जीन थेरेपी में उपयोग किया जाने वाला वायरस, लेंटीवायरल वेक्टर, मरीज़ में ल्यूकेमिया का जोखिम नहीं बढ़ाता। गौरतलब है कि उपरोक्त मामलों के मद्देनज़र सिकल सेल और हीमोफीलिया, दोनों के उपचार में जीन थेरेपी के क्लीनिकल परीक्षण पर रोक लगा दी गई थी। इन नतीजों से अब दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन इन परीक्षणों पर लगी रोक को हटा लेगा। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - June 2021
- प्रतिरक्षा व्यवस्था और शरीर की हिफाज़त – 1
- प्रतिरक्षा व्यवस्था और शरीर की हिफाज़त – 2
- प्रतिरक्षा तंत्र कोरोना के नए संस्करणों के लिए तैयार
- वन्यजीवों से कोरोनावायरस फैलने की अधिक संभावना
- जॉनसन एंड जॉनसन टीके पर अस्थायी रोक
- टीके से जुड़े झूठे प्रचार को रोकने की पहल
- जानलेवा बीमारियों के विरुद्ध जंग में रुकावट बना कोविड
- एक महिला की कोशिकाओं पर बरसों से शोध
- लॉकडाउन की कीमत
- स्वयं से बातें करना: लाभ-हानि
- जीन थेरेपी से कैंसर का जोखिम नहीं है
- ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति कब हुई थी?
- अंतरिक्ष स्टेशन पर मिले उपयोगी बैक्टीरिया
- पृथ्वी का विशालतम जीव
- तीन अरब साल पहले आए थे एरोबिक सूक्ष्मजीव
- सूक्ष्मजीवों की मेहरबानी है चॉकलेटी स्वाद
- कीटनाशकों के बदलते उपयोग का जीवों पर प्रभाव
- क्या ऑक्टोपस सपने देखते हैं?
- मधुमक्खियों में दूर तक संवाद
- तितलियां कपास का अतिरिक्त परागण करती हैं
- पृथ्वी पर कुल कितने टी. रेक्स हुए?
- टेरोसौर की गर्दन को स्पोक का सहारा