महेश बसेड़िया

प्रकृति में जीव-जंतु अपने दुश्मनों से बचाव के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। लेकिन हम जिस तरीके की बात कर रहे हैं, उसे पढ़कर हो सकता आपको भी हंसी आ जाए - मरने का ढोंग करना।
जी, हां। यहां ज़िक्र हो रहा है ऐसे ही कुछ जीवों का। इनमें से एक है। अमेरिका महाद्वीप में पाया जाने वाला ओपोसम (opossum)। कंगारू जैसी थैली वाला, छोटी बिल्ली के आकार का यह प्राणी पेड़ पर रहता है। खतरे की स्थिति में पड़ने पर ओपोसम आंखें मूंदकर एकदम निश्चल, बिना हिले-डुले पड़ा रहता है। यहां तक कि उसका दुश्मन उसे छूकर या धीरे से काटकर देख ले तब भी यह ऐसा ही पड़ा रहता है। इससे दुश्मन इसे मरा समझकर छोड़ देता है और ओपोसम मौका पाकर अपनी राह चल देता है।

अमेरिका महाद्वीप में पाया जाने वाला एक विषहीन सांप हॉगनोज़ भी इसी तरह का व्यवहार करता है। दोतीन फीट लंबाई का ये सांप खतरे की स्थिति में पहले तो अपने सिर को ज़मीन से काफी ऊपर उठा लेता है। फिर अपने सिर को चपटा कर कोबरा के फन जैसा फैलाकर, फुफकार कर, इंसने की कोशिश करके अपने दुश्मन को डराता है। कोबरा के जैसा जीवंत अभिनय करने के बाद भी यदि हॉगनोज़ अपने दुश्मन को डरा पाने में असफल रहता है तो वो पैंतरा बदल लेता है। हॉगनोज़ तुरंत मरने का अभिनय करने लगता है। वह चित हो जाता है, अपना मुंह खोलकर ढीली-ढाली जीभ को बाहर लटका लेता है। यानी मरे हुए सांप के समान दिखाई देने लगता है। जाहिर है इस सांप का दुश्मन इसे मरा समझकर आगे चल देगा। हो सकता है कभी अभिनय में कुछ कमी रह जाए तो इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता होगा।

खैर, इतना तो तय है कि मौत का ये डोंग देखकर कई बार मौत भी शर्मा जाती होगी।


महेश बसेड़ियाः संदर्भ पत्रिका से संबद्ध।