सामान्य मधुमक्खियां एपिस मेलिफेरा भी अपने छत्ते के वातावरण को बहुत अधिक उतार-चढ़ाव से बचाती हैं मगर विशाल मधुमक्खी (एपिस डॉर्सेटा) की तो बात ही कुछ निराली है। जहां सामान्य मधुमक्खियां अपने छत्ते किसी पेड़ के कोटर या चट्टान की खोह में बनाती हैं वहीं विशाल मधुमक्खियां (एपिस डॉर्सेटा) अपने छत्ते खुले में पेड़ों की शाखाओं पर बनाती हैं।
विभिन्न किस्म की मधुमक्खियां अपने छत्ते का तापमान कम रखने के लिए पानी का छिड़काव करती हैं, अपने पंखों को झलकर हवा चलाती हैं या कभी-कभी तो एक साथ छत्ते से दूर जाकर मल त्याग करती हैं, जिसके साथ बहुत सारी गर्मी भी चली जाती है। मगर हाल ही में ऑस्ट्रिया के ग्राज़ विश्वविद्यालय के जेराल्ड कास्टबर्गर और उनके साथियों ने नेपाल के चितवन राष्ट्रीय उद्यान में पाई जानी वाली विशाल मधुमक्खी के छत्तों का अध्ययन करके कुछ रोचक परिणाम प्रकाशित किए हैं। छत्ते के तापमान का अध्ययन करने के लिए उन्होंने इन्फ्रारेड कैमरों का उपयोग करके छत्तों की फिल्में उतारी हैं।
फिल्म से पता चलता है कि किसी भी समय छत्ते पर ठंडे चकत्ते होते हैं जो बनते-बिगड़ते रहते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिन के सबसे गर्म समय में इन ठंडे चकत्तों की तादाद भी सबसे अधिक होती है। एक ही छत्ते पर उन्होंने हर आधे घंटे में ऐसे छ: चकत्ते बनते देखे।
शोधकर्ताओं का विचार है कि ये वे स्थान हैं जहां से बाहर की ठंडी हवा को खींचकर अंदर भेजा जाता है। इस तरह से अंदर का तापमान थोड़ा कम हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इसके बाद पूरा छत्ता कंपन करता है। इस कंपन को संभव बनाने के लिए प्रत्येक मधुमक्खी अपने पेट को फुलाती-पिचकाती है। इसका असर यह होता है कि पूरा छत्ता फैलता और सिकुड़ता है। इस तरह से वे अंदर की गर्म हवा को बाहर निकाल देती हैं।
इन मधुमक्खियों का छत्ता 2 मीटर तक लंबा होता है। इस पर मधुमक्खियों की 6-7 परतें बैठी होती हैं। इसे छत्ते का पर्दा कहते हैं। 6-7 मधुमक्खी मोटा पर्दा एक कुचालक का काम करता है मगर तेज़ गर्मी के दिनों में यह बहुत कारगर नहीं होता। इसे ज़्यादा कारगर बनाने के लिए सबसे अंदर की परत की मधुमक्खियां अपनी टांगों को सीधा करके एक खाली जगह बना देती हैं। बाहर की ताज़ी हवा इस खाली स्थान में भर जाती है और फिर उसे बाहर निकाल दिया जाता है।
वैसे अभी भी पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि छत्ते के अंदर क्या हो रहा है मगर छत्ते की सतह पर ठंडे चकत्तों का पाया जाना आगे बढ़ने में मदद करेगा। अब कोई तरीका सोचना पड़ेगा जिससे छत्ते को नुकसान पहुंचाए बगैर उसके अंदर झांक सकें और अपनी बात की पुष्टि कर सकें। (स्रोत फीचर्स)