Sandarbh - Issue 106 (Sep-Oct 2016)
1. घुसपैठिए पौधे - गीता रामस्वामि से सवाल-जवाब - जान्हवी राजन [Hindi, PDF100 KB]
हमारे आसपास दिखाई देते पौधे हमारे यहाँ की ही मूल प्रजाति के हों ये ज़रूरी नहीं। कई बाहरी घुसपैठी प्रजातियाँ नई जगह पर विकसित हो जाती हैं। इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं। नए पर्यावरण पर उनके कुछ-न-कुछ असर भी होते हैं। कई घुसपैठी पौधे देशज पादप विविधता को नुकसान पहुँचाते हैं। मगर हमेशा ऐसा नहीं होता। Read article...
2. कैसे बदलती है ऊर्जा पदार्थ में? - भाग 2 - राफेल कर्रेरास् व गाय हैन्श [Hindi, PDF100 KB]
सर्न और सर्न औरअन्य जगहों पर होने वाले विविध अनुसन्धानों के पीछे इन्सान की स्वभाविक जिज्ञासा और जानने की उसकी ज़रूरत ही है। बुनियादी अनुसन्धान केवल इन्सानी जिज्ञासा को ही शान्त नहीं करते हैं बल्कि भविष्य में हमारे रोज़मर्रा के जीवन की कई व्यवहारिक ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में भी हमारे कदम बढ़ाते हैं। कण भौतिकी में होने वाले अनुसन्धान भी इसका ही हिस्सा हैं। Read article...
3. दर की दर, गति के ग्राफ और लाइनें - भाग 3 - विवेक मेहता [Hindi, PDF100 KB]
अब तक हमने गति के सिर्फ उन मामलों पर ही बात की है जिनमें वस्तु का वेग एकरूप है। ऐसी गतियाँ जिनमें समय के साथ न वस्तु की चाल और न ही चाल की दिशा बदलती है। पर अब हम बात करेंगे परिवर्तन की। जब भी कहीं परिवर्तन की बात आती है तो स्वभाविक है कि उस परिवर्तन के दर पर भी बात हो। यहाँ बात हो रही है समय के साथ वेग में होने वाले परिवर्तन की। Read article...
4. हम पलकें क्यों झपकाते हैं? - रुद्राशीष चक्रवर्ती [Hindi, PDF100 KB]
पलकें झपकाना आपको एक निरर्थक-सी प्रक्रिया लग सकती है, पर ऐसा है नहीं। वैसे तो यह एक अनैच्छिक प्रक्रिया है पर कई बार हम अपनी इच्छा से भी पलकें झपकाते हैं। हमारी आँखों को इसके कई फायदे हैं। हमारे अलावा और जीव जैसे कुत्ते-बिल्ली भी पलकें झपकाते हैं। आइए जानें कि हम पलकें क्यों झपकाते हैं? Read article...
5. सब में राम ही राम - मोहम्मद उमर[Hindi, PDF100 KB]
हमारे धार्मिक ग्रन्थों में उल्लेखित श्लोकों के अर्थ एक खास सन्दर्भ में ही समझ में आते हैं। धार्मिक सन्दर्भों में इनके महत्व तो हम स्पष्ट देख पाते हैं, लेकिन यहाँ लेखक एक श्लोक के सहारे आपको गणित चिन्तन की रोचक यात्रा पर ले चल रहे हैं। Read article...
6. गोलू ने पढ़ना सीखा - ब्रजेश वर्मा[Hindi, PDF100 KB]
पढ़ना कुछ आवाज़ों, अक्षरों का मेल है जिन्हें क्रम से उच्चारित करना होता है। और इन आवाज़ों का क्रम बदलकर अनेक शब्द बनाए जा सकते हैं। गोलू ने मुस्कान के आवासीय शिविर में इतना भर सीखा था। इसके बाद का सीखना उसकी निजी रुचि और प्रयासों का नतीजा था। Read article...
7. उम्र का विचित्र वाकया और शिक्षा का अधिकार कानून - शुभ्रा मिश्रा[Hindi, PDF100 KB]
शिक्षा का अधिकार कानून-2009, 6-14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का हक प्रदान करता है। इस कानून के अन्तर्गत बच्चों के लिए उम्र के अनुरूप कक्षा में प्रवेश का प्रावधान है। लेकिन जब ऐसे नियमों को लागू किया जाता है तब समझ में आता है कि सब कुछ इतना आसान नहीं है। Read article...
8. सुनने का कौशल - कृष्ण कुमार[Hindi, PDF100 KB]
पढ़ना और लिखना स्कूली शिक्षा में ऊँची हैसियत के विषय हैं, अत: भाषा का पाठ्यक्रम इन्हीं पर ज़्यादा ज़ोर देता है। सुनना और बोलना भी भाषा के काम हैं, पर अक्सर इन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिलती। ध्यान से सुनना और सुनते समय समझते चलना एक विशिष्ट बात है और इसके लिए सुनने का कौशल विकसित करने पर बल दे रहें हैं शिक्षाविद् कृष्ण कुमार। Read article...
9. संस्थापक दिवस पर - विक्रम सेठ[Hindi, PDF100 KB]
डे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बोर्डिंग स्कूल की दुनिया एक अलग ही रूमानी दुनिया लगती है। यह सही है कि बोर्डिंग स्कूल के बच्चों का जीवन और अनुभव, डे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से बिलकुल अलग होता है। हकीकत यह है कि सभी चीज़ों का एक दूसरा पहलू भी होता है और वह भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। बोर्डिंग स्कूल की दुनिया को अलग नज़र से पेश करता यह संस्मरण। Read article...
10. तितली कितनी ऊँचाई तक उड़ सकती है? - सवालीराम[Hindi, PDF100 KB]
आप सभी ने तितलियों को उड़ते हुए देखा होगा। आप क्या सोचते हैं, तितलियाँ कितनी ऊँचाई तक उड़ सकती होंगी? अन्दाज़ा लगाकर देखिए। इस विषय में विस्तृत जानकारी देता इस बार का सवालीराम। Read article...