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Sandarbh - Issue 113 (Nov-Dec 2017)
- ठठेरे, मिस्त्री, भौतिकशास्त्री और शिक्षक!
- सर्द पहाड़ों पर चलती धीमी गति की एक प्रेम कहानी
- पॉपर, कुन और विज्ञान में नियम व सिद्धान्त कैसे बनते हैं?
- कामकाजी बच्चे, स्कूल और बहुबचपन
- शंकर जी का पसीना और जंगल का बनना
- पाठ्यपुस्तक की बनावट
- गणित-वणित
- पाँचवीं कक्षा की ईवीएस की पाठ्यपुस्तक
- मुझे समझ नहीं आता
- सवालीराम-113
Sandarbh - Issue 113 (Nov-Dec 2017)
- How Do We Get Laws and Theories in Science? – Part 1 by Uma Sudhir
[Hindi PDF, 246 KB][English PDF]
विज्ञान में नियम व सिद्धान्त कैसे बनते हैं?: भाग 1 - उमा सुधीर - सामान्यत: हम विज्ञान की ओर तब देखते हैं जब हमें किसी प्राकृतिक परिघटना की व्याख्या की ज़रूरत होती है। विज्ञान की पहचान ही है कार्य-कारण सम्बन्धों की खोज करना और परिघटनाओं की व्याख्या करना। लेख में हम जानेंगे कि हमारे आसपास की चीज़ों और प्रक्रियाओं की व्याख्याओं की तलाश करने के इस उद्यम यानी विज्ञान की प्रकृति क्या है। Read article... - A Slow Going Love Story on Mountains by Kishore Powar [Hindi PDF, 322 KB]
सर्द पहाड़ों पर चलती धीमी गति की एक प्रेम कहानी - किशोर पंवार - ठण्डे पहाड़ी स्थानों पर बहुतायत से मिलने वाले चीड़ इस कहानी के मुख्य पात्र हैं। इसको वनस्पतिशास्त्री चीड़ और देवदार का जीवन-चक्र कहते हैं। जीवन-चक्र जीवों का एक खास गुण होता है। यह कुछ सप्ताह से लेकर सैकड़ों सालों लम्बा हो सकता है। आइए ऐसी ही एक कथा पढ़ें। Read article... - Tinker, Builder , Physicist and Teacher – Interview of Melissa by Prajval Shastri. Translated by Sushil Joshi [Hindi PDF, 100 KB][English PDF]
ठठेरे, मिस्त्री, भौतिकशास्त्री और शिक्षक - प्राज्वल शास्त्री - मैलिसा फ्रैंकलिन एक कण-भौतिकीविद हैं और हारवर्ड विश्वविद्यालय में भौतिकी की मैलिनक्रोट प्राध्यापक हैं। फ्रैंकलिन उस समूह की सदस्य थीं जिसने टॉप क्वार्क की खोज की थी। वे उन वैज्ञानिक समूहों की भी सदस्य हैं जिसने हिग्स बोसॉन की खोज की है। प्रस्तुत है मैलिसा फ्रैंकलिन का साक्षात्कार जो प्राज्वल शास्त्री ने लिया है। Read article... - Making of Concepts in Children by Anuradha Jain [Hindi PDF, 360 KB]
शंकर जी का पसीना और जंगल का बनना - अनुराधा जैन - बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं होता। कई बार अपनी मान्यताओं को लेकर बच्चे इतने दृढ़ होते हैं कि उसे तोड़ना बड़ा मुश्किल होता है। ऐसे ही एक वाकए के बारे में यहाँ विस्तार से बतलाया है लेखक ने। Read article... - Working Children, School and Multiple Childhood by Anjana Trivedi [Hindi PDF, 233 KB]
कामकाजी बच्चे, स्कूल और बहुबचपन - अंजना त्रिवेदी - कामकाजी बच्चों का जीवन कई परतों में चल रहा होता है। एक तरफ घर में पढ़ाई का कोई माहौल नहीं है, यहाँ तक कि बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। और दूसरी तरफ स्कूल के अन्दर कोई सम्मान नहीं और वातावरण मनोबल को तोड़ने वाला। ऐसे में शिक्षा कैसे सम्भव हो पाए? Read article... - Understanding the Concepts of Mathematics by Kamakshi Chauhan [Hindi PDF, 140 KB]
गणित-वणित - कामाक्षी चौहान - गणित की अवधारणाएँ हमारे जीवन से अलग नहीं होतीं, वह तो हमारे आसपास सभी जगह मौजूद हैं। पाठ्यक्रम पूरा करने की होड़ या फिर गणित के साथ सहज रिश्ता कैसे बनाया जाए, इस समझ के अभाव ने गणित को दुष्कर बनाया है। आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं। Read article... - Structure of a Textbook by Udyan Vajpayee [Hindi PDF, 195 KB]
पाठ्यपुस्तक की बनावट - उदयन वाजपेयी - पाठ्यपुस्तक हमेशा से ही अस्तित्व में नहीं थी, तो वह अस्तित्व में कहाँ से आई? हमारे पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है। इस तरह के किसी शब्द का प्रयोग हमारे प्राचीन शास्त्र में नहीं है। पाठ्यपुस्तक इस देश की परम्परा का उत्पाद मालूम नहीं होती। तो फिर कैसे यह हमारे लिए आज इतनी महत्वपूर्ण हो गई? इसकी पड़ताल कर रहे हैं लेखक। Read article... - Textbook Analysis: EVS for Class V by Poonam Medh. Translated by Bharat Tripathi [Hindi PDF, 387 KB][English PDF]
पाँचवीं कक्षा की ईवीएस की पाठ्यपुस्तक (समीक्षा) - पूनम मेध - यहाँ एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा 2008 में निकाली गई पाँचवीं की पर्यावरण अध्ययन विषय की पाठ्यपुस्तक का विश्लेषण किया गया है। लेखिका ने पाठ्यपुस्तक को अपने नज़रिए से परखने का प्रयास किया है। Read article... - I Don’t Understand by M R Renukumar. Translated by Bharat Tripathi [Hindi PDF, 327 KB]
मुझे समझ नहीं आता - एम आर रेणुकुमार - एक बच्चा, अपने पिता के साथ उनके ऑफिस जाता है और उन्हें वहाँ काम करते देखता है। और लोगों को भी देखता है। कई सवाल उसके मन में आते हैं। बच्चे के सवालों को केन्द्र में रखकर चलती निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी। Read article... - Why are Some People Fair-Skinned, While Others are Dark-Skinned? From Sawaliram. By Rudrashis Chakravorty [Hindi PDF, 120 KB][English PDF]
लोगों का रंग उजला (गोरा) और काला क्यों होता है? - सवालीराम - इस सवाल की सम्भव वैज्ञानिक पड़ताल करता रोचक लेख। Read article...