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Sandarbh - Issue 134 (May-June 2021)
Sandarbh - Issue 134 (May-June 2021)
क्यों करें प्रयोग? – उमा सुधीर [Hindi PDF]
विज्ञान शिक्षण में एक अहम सवाल हमेशा उठता है कि विज्ञान की कक्षा में गतिविधियों की क्या ज़रूरत है और क्यों कई शिक्षक इसके लिए राज़ी नहीं हो पाते हैं। एक तर्क यह दिया जाता है कि चूँकि वैज्ञानिक सिद्धान्तों का तकाज़ा होता है कि हम मात्र उन अवलोकनों पर ध्यान केन्द्रित करें जो अन्वेषणाधीन परिघटना के लिए प्रासंगिक हैं और शायद शिक्षक इन तथ्यों को सन्तोषजनक ढंग से प्रस्तुत न कर पाए, तो क्या इसी वजह से प्रयोगों को न करें? उपरोक्त लेख में विज्ञान पाठ्यपुस्तकों में गतिविधियों के तौर पर दिए गए प्रयोगों की प्रकृति और शिक्षकों की उनको लेकर समझ परन्तु प्रयोग कराने में झिझक पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। आइए, विज्ञान की कक्षा में गतिविधियों के पक्ष में कुछ और कारणों को पढ़ते-समझते हैं।
शक्तिशाली...सर्वव्यापी…जीवन का आधार... ‘फफूँदों’ का अनोखा संसार - चेतना खांबेटे [Hindi PDF]
मशरूम से लेकर मोल्ड से लेकर यीस्ट तक, हज़ारों की संख्या में जीव, कवक की छत्रछाया में आते हैं। वनस्पति शास्त्री और अन्य जीव-वैज्ञानिक फफूँद को कवक या फंजाइ भी कहते हैं| पहले केवल पौधे समझी जाने वाली यह फफूँद अपने स्वयं के टैक्सोनॉमिक साम्राज्य के रूप में उभरी हैं। इनकी प्रजातियाँ विविध हैं, जिनमें कई अद्वितीय गुण हैं: कुछ हानिरहित, कुछ उपयोगी और कुछ हानिकारक। फफूँदों में पोषण और रहन-सहन, उनकी बनावट और प्रजनन/जनसंख्या वृद्धि के तरीके...आदि की विशेषताओं और भिन्नताओं को हम आगे जानने की कोशिश करेंगे। इस लेख के माध्यम से हम फफूँदों के अनोखे संसार के बारे में जानने और समझने की कोशिश करेंगे।
शिक्षकों के लिए विज्ञान करके सीखने की कार्यशाला के अनुभव... - अनीश मोकाशी, गुरिंदर सिंह और हनी सिंह [Hindi PDF]
यह लेख स्कूली शिक्षकों के लिए आयोजित, करके विज्ञान सीखने, के कुछ सत्रों के अनुभव साझा करता है। ये सत्र ऊष्मा और तापमान विषय पर केन्द्रित थे। आइए पढ़ते हैं इस विस्तारपूर्वक चर्चायुक्त लेख को जिसमें विज्ञान सीखने से सम्बन्धित उभरे मुद्दों, तरीके की समालोचना करने तथा उसमें परिवर्तन करने और कार्यशाला सत्रों के लक्ष्यों का आकलन करने के अनुभवों को प्रस्तुत किया गया है।
मुश्किल नहीं है बच्चों को गिनती सिखाना - कालू राम शर्मा [Hindi PDF]
प्रारम्भिक कक्षाओं में भर्ती होने से पहले से ही बच्चे गिनती सीखने की प्रक्रिया से जूझने लगते हैं। प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक की अपेक्षा होती है कि बच्चे गिनती रट लें और फर्राटे से बोल सकें परन्तु बच्चे गिनती की पर्याप्त समझ नहीं बना पाते। शिक्षक मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन बच्चे फिर भी अपेक्षित नहीं सीख पाते। तो आइए, इस लेख में पढ़ते हैं कि बच्चे सकारात्मक तौर पर कैसे, किन तरीकों से गिनती की समझ पा सकते हैं और कैसे अनौपचारिक माहौल गिनती सीखने की प्रक्रिया में मददकार होता है।
मन के चित्रों और खयालों से लिखने--पढ़ने की चिंगारी तक - वरुण गुप्ता [Hindi PDF]
हर बच्चा बहुत कुछ जानता है और अपने आसपास के संसार को देखते हुए अपनी समझ बनाता जाता है। बस ज़रूरत है उसे आज़ादी से अपनी बात कहने--सुनाने की और अध्यापक के स्नेह व समझ के साथ-साथ अच्छे वातावरण की। परन्तु लेखक द्वारा पाई गई यह भी एक सच्चाई है कि अधिकतर बच्चे, यहाँ तक कि 9 व 10 वर्ष के विद्यार्थी भी पढ़-लिख नहीं पाते हैं। उपरोक्त लेख में पढ़ते हैं कि कैसे एक शिक्षक की अटूट मेहनत और समझ के साथ बच्चों द्वारा अपने मन के खयालों और चित्रों को कागज़ पर उतारने की प्रक्रिया से बच्चे आज आत्मविश्वास के साथ अपने विचार व भाव लिखकर व्यक्त कर पा रहे हैं।
छतरी – मंज़ूर एहतेशाम [Hindi PDF]
गर्मी का लम्बा मौसम गुज़रने के बाद लोगों को मॉनसून की उम्मीद थी। पर पानी बरसने का नाम नहीं ले रहा था। ऐसे में एक कीमती कपड़े, बरसाती जूते पहने, हाथ में फोल्डिंग छतरी लिए आदमी ने कैसे शहर में गुस्से के बांध को तोड़ दिया कि हड़कम्प मच गया, पढ़ते हैं इस रोचक कहानी में।
ठण्ड के दिनों में सुबह हमारे मुँह से भाप क्यों निकलती है? – सवालीराम [Hindi PDF]
सर्दी के दिनों में, बच्चे अपने मुँह से भाप निकालने का खेल खेलते हैं और अपने संगी-साथियों को उस भाप को धुआँ बताकर मस्ती करते हैं। आपने ज़रूर सोचा होगा कि यह क्यों होता है। तो इस बार सवालीराम में हम बचपन के मुँह से धुआँ निकालने के मज़ेदार खेल के पीछे के तथ्य को समझने की कोशिश करेंगे।