Sandarbh - Issue 139 (March-April 2022)
अजगर बिलों में सेही के साथ शान्ति से रहते हैं - अदिति मुखर्जी [Hindi, PDF]
आम तौर पर अजगरों के लिए सेही को खाना असामान्य नहीं है। वास्तव में, साँपों की कई प्रजातियाँ सेही और अन्य सींग वाले या क्विल्ड जानवरों को खाती हैं। ऐसे में अजगर बिलों में सेही के साथ शान्ति से कैसे रह सकते हैं? सेही बिलों का एक अत्यन्त पेचीदा तंत्र बनाती है जिसमें रहने के कमरे आपस में सुरंगों के माध्यम से जुड़े रहते हैं और ये सुरंगें काफी संकरी होती हैं। दोनों प्रजातियाँ, अजगर और सेही, एक वैज्ञानिक तरीके से उन सुरंगों का आपस में बँटवारा करके अलग-अलग कक्षों में रहती हैं। आइए पढ़ते हैं इस रोचक व्यवस्था के बारे में विस्तारपूर्वक।
हँसाते-रुलाते, रिश्ते-नाते – अनु गुप्ता [Hindi, PDF]
एकलव्य द्वारा किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोर-किशोरियों के साथ लगभग 28 माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शालाओं में दो-दो दिवसीय कार्यशालाएँ आयोजित की गई थीं। इन कार्यशालाओं में किशोरों के कई सवाल और अनुभव सामने आए। किशोरावस्था में हो रहे अनेकों बदलाव -- शरीर में, भावनाओं में, रिश्तों में या खुद की पहचान में, इन सबको समझने की जद्दोजहद परन्तु पूछने में झिझक, उनकी जिज्ञासा को और बढ़ा देती है। किशोरों के सवालों और अनुभवों को समेटते हुई किताब ‘बेटा करे सवाल’ में दस अध्याय हैं और यह किशोरावस्था के कई पहलुओं पर चर्चा करती है। पढ़ते हैं इस किताब के तीसरे अध्याय को और समझते हैं कि कैसे बदलते शरीर, बदलती भावनाओं का प्रभाव किशोरों के रिश्तों पर पड़ता है।
बल्ब जलाओ जगमग-जगमग - कालू राम शर्मा [Hindi, PDF]
कालू राम शर्मा की किताब ‘खोजबीन का आनंद' होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं का लेखा-जोखा है जिसे कहानी या किस्सागोई शैली में लिखा गया है। आइए, पढ़ते हैं इस पुस्तक के पाँचवें अंश को इस लेख के साथ।
पुवितम में विज्ञान: ज़िन्दगी से सीखना - मीनाक्षी उमेश [Hindi, PDF]
विज्ञान को हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से जुदा नहीं किया जा सकता है। बच्चों को विज्ञान सिर्फ एक बौद्धिक गतिविधि की तरह नहीं बल्कि अवलोकन, अनुमान, अभिव्यक्ति जैसी प्रक्रियाओं के साथ सिखाना है। तमिल में पुवितम का मतलब ‘धरती से प्रेम’ होता है। उक्त लेख के माध्यम से पढ़ते हैं कि कैसे यह पद्धति विज्ञान सीखने पर असर करती है।
दास्तान-ए-भोजन - मिहिर पाठक [Hindi, PDF]
शिक्षा सिर्फ बौद्धिक दक्षताओं के विकास के लिए ही नहीं, बल्कि मानव के समग्र विकास का उद्देश्य भी रखती है। शिक्षा को रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से जोड़ते हुए लेखक ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया जहाँ विषय था ‘हमारा भोजन’। आइए, पढ़ते हैं इस प्रयोग के बारे में विस्तारपूर्वक।
जेंडर की जकड़न को तोड़ती कहानियाँ - ब्रजेश वर्मा [Hindi, PDF]
हमारे समाज में जेंडर सम्बन्धित बातचीत न के बराबर होती है और इसलिए बच्चों में जेंडर और यौनिकता के बारे में व्यापक समझ विकसित नहीं हो पाती, बल्कि इसके विपरीत बहुत-सी भ्रान्तियाँ पैदा हो जाती हैं। इस लेख के साथ पढ़ते हैं कि कहानियाँ कैसे जेंडर की जकड़न को तोड़ने मे मदद करती हैं और यदि शुरुआत से ही इन मुद्दों पर चर्चा की जाए तो कहानियाँ बच्चों को परिपक्व बनने व एक तार्किक सोच वाला इन्सान बनने में मदद करती हैं।
हिन्दी भाषा का साहित्यिक सफर! - अभिषेक दुबे [Hindi, PDF]
संदर्भ अंक-136 में प्रकाशित टी. विजयेंद्र का लेख ‘हिन्दी हाज़िर है’ की बात को आगे बढ़ाता हुआ उक्त लेख आसान भाषा में आधुनिक हिन्दी से जुड़े कई मुद्दों को लेकर हमारे सामने आता है। तो आइए, पढ़ते हैं, इस महत्वपूर्ण भाषा के ऐतिहासिक सफर को।
रसोई में चिड़ियाघर - कृष्ण कुमार [Hindi, PDF]
एक अत्यन्त ही रोचक कहानी जो हमारी कल्पनात्मक दृष्टी को दर्शाती है।
चिड़िया पेशाब करती है या नहीं? - सवालीराम [Hindi, PDF]
आसानी-से उड़ान के लिए पक्षियों का शरीर काफी हल्का होता है। यदि इनके शरीर में, पेशाब की थैली होगी तो भार बढ़ने के साथ ही उड़ते समय उन्हें इस द्रव (पेशाब) के कारण काफी दिक्कत होगी। तो पढ़ते हैं इस बार के सवालीराम में कि आखिर चिड़िया पेशाब करती है या नहीं।