Sandarbh - Issue 143 (November-December 2022)
उल्काओं की बरसात: कुदरत का एक करिश्मा – शशि सक्सेना [Hindi, PDF]
आखिर ये उल्का पिण्ड या टूटते तारे हैं क्या और इनकी बारिश क्यों होती है? ऐसी अद्भुत खगोलीय घटनाएँ प्राय: मन में उल्कापिण्डों के प्रति तीव्र जिज्ञासा पैदा करती हैं। सौरमण्डल में इनका स्थान कहाँ है और क्या सच में इनके सामने इच्छा ज़ाहिर करने पर वो पूरी होती है? उल्काओं की बारिश के बारे में पढ़ते हैं सम्बन्धित लेख में।
पत्तों पर नाग-नागिन – कालू राम शर्मा [Hindi, PDF]
पत्तियों पर नाग जैसी आकृति बनाने वाले कीड़े ने 1991 के दौर में पूरे देश में आतंक मचा दिया था। यह लेख पत्तों पर बनी नाग-नागिन जैसी आकृतियों की असलियत सामने लाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, लेख यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ जिज्ञासु बच्चे इस रहस्य को सुलझाते हैं।
पत्तियों पर साँप! – चकमक के झरोखे से [Hindi, PDF]
पत्तियों पर साँप जैसी आकृतियों के पीछे के सत्य से अनभिज्ञ लोगों में यह अफवाह फैल गई थी कि नाग देवता क्रोध में आकर सब्ज़ियों के पत्तों पर रूप धारण पर मनुष्यों से बदला ले रहे हैं। यह लेख उन अफवाहों के इर्द-गिर्द पनप रहे अन्धविश्वास की वास्तविकता को न सिर्फ उजागर करता है बल्कि सच तक पहुँचने का प्रयास भी करता है।
जंगल उगाना – आनन्द नारायणन और राधा गोपालन [Hindi, PDF]
क्या आज के इस शहरी इमारतों के जंगल में हम एक प्राकृतिक जंगल उगा सकते हैं? जी हाँ! ये सम्भव है, मियावाकी पद्धति से! इस पद्धति से न सिर्फ भीड़-भाड़ वाले शहरी इलाकों में, बल्कि बंजर बियाबान इलाकों में भी एक हरा-भरा जंगल उगाया जा सकता है। आज क्लाइमेट चेंज के दौर में जब आये दिन बाढ़, लैंडस्लाइड और कोई-न-कोई प्राकृतिक आपदा होती ही रहती है, ये मियावाकी पद्धति एक आशा की किरण बनकर सामने आई है।
तारा की क्लास – गोपाल मिड्ढा [Hindi, PDF]
यह लेख शिक्षकों और शिक्षण में बदलाव लाने के लिए निरीक्षण और अवलोकन को बदलने की बात कहता है। आज जब शिक्षण को लेकर नज़रिया बदल रहा है, तो शिक्षकों के अवलोकन करने के तरीके में भी बदलाव लाना बहुत ज़रूरी है। उपरोक्त लेख में पढ़ते हैं लेखक द्वारा सुझाए गए तरीकों के बारे में।
अधिगम क्षति (लर्निंग लॉस) – मीनू पालीवाल [Hindi, PDF]
इस लेख में कोविड के दौरान हुई अधिगम क्षति या लर्निंग लॉस की बात पर सवाल खड़े किए गए हैं। अधिगम क्षति क्या है? पहले तो यह जानना ज़रूरी है कि अधिगम हुआ भी है या नहीं। साथ ही, सीखने की प्रक्रिया को समझना भी ज़रूरी है। ताकि यह समझा जा सके कि बच्चे जो भी सीख रहे हैं, वो कैसे सीख रहे हैं।
सोचने की प्रक्रिया का एक अध्ययन – सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी [Hindi, PDF]
यह लेख काका साहब कालेलकर के साथ एक साक्षात्कार को वर्णित करता है जिसमें सर्जनात्मकता के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है और कई ऐसी समस्याओं को सामने लाया है जिनका सामना एक सर्जनात्मक व्यक्ति को करना होता है।
शिक्षा और मनोविज्ञान: नाज़ुक कड़ियों को... – कमला मुकुन्दा के साथ बातचीत [Hindi, PDF]
आज के समय में जब शिक्षा में बहुत बदलाव आ चुके हैं, शिक्षा और मनोविज्ञान के बीच का सम्बन्ध और प्रखर होता जा रहा है। यह साक्षात्कार कमल मुकुन्दा की एक किताब ‘व्हॉट डिड यू आस्क एट स्कूल टुडे’ के बारे में बातचीत है जो सीखने-सिखाने और आकलन की प्रक्रिया को बाल मनोविज्ञान के नज़रिये से प्रस्तुत करती है।
अगस्त 2026: अएँगी हल्की फुहारें – रे ब्रैडबरी [Hindi, PDF]
अमेरिकन कथाकार रे ब्रैडबरी की यह कहानी नाभिकीय जंग के बाद के हाल में ऐसे घर की है, जहाँ कोई ज़िन्दा इन्सान नहीं है, मशीनों की मदद से घर में नियमित गतिविधियाँ चलती हैं। सबसे तकलीफदेह सृजन की तबाही है, कहानी-कविताऐं सुनने के लिए, वसन्त का लुत्फ उठाने के लिए कोई नहीं बचा है।
आम जहाँ से टूटता है, उस काले हिस्से से गले में खराश क्यों? – सवालीराम [Hindi, PDF]
आम हम सबका पसन्दीदा फल है, लेकिन कई लोगों को उससे गले में खराश हो जाती है। यह आम से नहीं बल्कि उसके काले हिस्से में मौजूद एक रसायन से होता है। यह रसायन क्या है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए, पढ़ते हैं सवालीराम में।