कैसा बनाया बच्चे ने संतुलन
पिछले अंक में पूछा गया सवाल:कोई भी बच्चा इस लड़के के साथ खेलने को तैयार नहीं है। लेकिन इसे कोई परवाह नहीं। उसने झूलने के लिए क्या तरकीब लगाई?
किसी पार्क में जाकर झूले के पटिए को उखाड़कर इस तरह की छेड़-छाड़ करना तो शायद हर किसी के लिए संभव नहीं होगा! इसलिए इस सवाल में जो स्थिति दर्शाई गई है कि नीचे का आधार ठीक बीचों-बीच न होने के कारण झूला दाहिनी ओर झुका हुआ है, आइए वैसी ही कुछ स्थिति बनाकर एक आसान-सा प्रयोग करके देखते हैं।
इस प्रयोग में झूले के पटिए की जगह एक फुट या आधा मीटर का लकड़ी का पैमाना इस्तेमाल करते हैं और नीचे लगे तिकोने आधार की जगह धागे का एक टुकड़ा।
चित्र (अगले पेज पर) में दिखाए मुताबिक लटकाए गए पैमाने को, धागे को इधर-उधर खिसकाकर संतुलित किया जा सकता है। यह तो बन गया एक साधारण संतुलित झूला। अब कल्पना के घोड़े इसके दोनों सिरों पर बिठाकर बाकायदा झूला झूल सकते हैं!
प्रश्न जैसी स्थिति पैदा करने के लिए इस धागे को थोड़ा-सा बार्इं तरफ सरका देते हैं। स्वाभाविक है कि ऐसा करने पर दाहिनी तरफ का भारी हिस्सा नीचे को झुक जाएगा।
अब मान लीजिए एक छोटा-सा गुड्डा बनाकर बार्इं तरफ की बाजू पर टिका दिया तो क्या होगा? पैमाना बार्इं तरफ झुक जाएगा या पहले की तरह दाहिनी तरफ ही झुका रहेगा? अगर आपने कभी ऐसा प्रयोग करके देखा हो तो आप झट से कह देंगे कि बार्इं तरफ गुड्डा रखने पर पैमाने किस तरफ झुकेगा, वो तो इस बात पर निर्भर करता है कि गुड्डा बीच वाले धागे से कितनी दूरी पर रखा हुआ है। यानी कि अगर गुड्डा धागे के बहुत करीब रखा जाए तो पैमाना पहले की तरह दार्इं ओर झुका रहेगा। धीरे-धीरे उसे धागे से दूर सरकाने पर आप पाएंगे कि अब पैमाना संतुलित अवस्था में आ गया है यानी किसी भी ओर झुका हुआ नहीं है। और अगर गुड्डे को बार्इं ओर एकदम किनारे की तरफ ले जाएं तो पैमाना बार्इं तरफ झुक जाता है। अगर इतनी बात समझ में आ गई हो तो वापस अपने सवाल पर लौट सकते हैं। यानी कि झूले पर बैठा हुआ लड़का पटिए के बाएं वाले हिस्से में एक ऐसा बिन्दु ढूंढ सकता है जहां बैठने पर झूला संतुलित हो जाएगा। उस बिन्दु से थोड़ा आगे की ओर (दाहिनी तरफ) सरकने पर झूले का दाहिना हिस्सा झुक जाएगा और थोड़ा पीदे की ओर (बाई तरफ) सरकने पर झूले का बायां हिस्सा नीचे की तरफ आ जाएगा।x
तो बस यही है जवाब - किसी अन्य बच्चे की गैरमौजूदगी में इस बच्चे ने पूरी व्यवस्था ऐसी जमा ली कि बस खुद को थोड़ा-सा आगे या थोड़ा-सा पीछे सरकाकर पटिए पर झूला जा सकता है और दो लोगों का मज़ा भी अकेले ही लूटा सकता है!
बच्चे झूलने और बल आघूर्ण
इस बच्चे ने अकेले झूला झूलने का जो तरीका खोजा है उसे बल आघूर्ण का सिद्धांत भी कहते हैं। सरल रूप में इस सिद्धांत को ऐसे समझा जा सकता है कि किसी भी संतुलित पैमाने पर एक तरफ लटकाया गया छोटा वज़न दूसरी तरफ लटकाए गए भारी वज़न को भी संतुलित कर सकता है। एक-दूसरे को संतुलित करने के लिए उन्हें कहां लटकाना पड़ेगा यह इस नियम से तय होता है:
बाईं तरफ लटकाया वज़न x उस वज़न की संतुलन बिन्दु से दूरी =
दाहिनी तरफ लटकाया गया वज़न x उस वज़न की संतुलित बिन्दु से दूरी
‘क’ ग्राम x ‘च’ से.मी. ‘ख’ ग्राम x ‘छ’ से.मी.
आप खुद यह प्रयोग एक पैमाने, धागे के टुकड़े और छोटे-बड़े पत्थरों या बांट की मदद से कर सकते हैं।