अरविंद गुप्ते
चंदा मामा दूर के, पुए पकाए बूर के
आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में
पिछले कई दशकों से यह सुंदर मीत बड़ों और बच्चों, दोनों का मन मोहता आया है। लेकिन क्या वास्तव में चंदा मामा हमसे दूर हैं? यदि हैं, तो कितनी दूर? आइए, इस तालिका पर नजर डालें।
पृथ्वी से विभिन्न आकाशीय पिंडों की दूरी ( किलोमीटर में ) | |
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14 करोड़ 96 लाख 9 करोड़ 17 लाख 4 करोड़ 14 लाख 7 करोड़ 83 लाख 62 करोड़ 87 लाख 1 अरब 27 करोड़ 74 लाख 4 अरब 34 करोड़ 74 लाख 5 अरब 75 करोड़ 4 लाख 3 लाख 85 हज़ार |
अरविंद गुप्तेः एकलव्य के होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम से संबद्ध; इंदौर में रहते हैं। पूर्व में वे प्राणीशास्त्र के प्राध्यापक रह चुके हैं।
स्पष्ट है कि अंतरिक्ष की दूरियों में 3-4 लाख किलोमीटर कोई दूरी ही नहीं है। इस दृष्टि से देखा जाए तो चंद्रमा हमारा पड़ोसी नहीं, परिवार का सदस्य है। यही कारण है कि पृथ्वी के इस इकलौते उपग्रह पर मानव कई प्रकार से निर्भर है। कवि और लेखक तो इसके बारे में लिखते ही रहते हैं। यही नहीं हमारी समय की गणना (हिंदू और मुस्लिम पंचांग) भी इसी पर आधारित हैं।
समुद्र में उठने वाला ज्वार चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही होता है। यहां तक कि हमने सप्ताह के एक दिन का नामकरण चंद्रमा के नाम पर किया है। चंद्रमा एकमात्र ऐसा आकाशीय पिंड है जिस पर मानव अपने चरणों की छाप छोड़ चुका है।
इतना सब होते हुए भी हमारे परिवार के इस सदस्य के बारे में हम कितनी जानकारी रखते हैं? आइए, एक परीक्षण कर के देखें। नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर में लिख कर भेजिए। इन प्रश्नों के जवाब अगले अंक में प्रकाशित किए जाएंगे। एक बात और। यदि आप चंद्रमा के बारे में अन्य कोई जानकारी देना चाहें, सवाल पूछना चाहें, तो भी हमें लिखिए।
1. अमावस्या के दिन चंद्रमा बिलकुल दिखाई नहीं देता है। वह कहां चला जाता है?
2. चित्र-1 में एक गलती है। बताइए चित्रकार ने क्या गलती की है। |
3. चित्र-2 में क्या गलती है? |
- यह भारत में कैसी दिखाई देती है? क्यों? |
आपके जवाब हमें आपको संदर्भ मिलने के एक महीने के भीतर मिल जाने चाहिए, इस पते परः संदर्भ, द्वारा एकलव्य, कोठी बाज़ार, होशंगाबाद, 461001