मार्टिन गार्डनर                                                                                                                                 [Hindi PDF: Part 1, 56kB]

भाग-1

सूर्य के पास के एक तारे के इर्द गिर्द एक छोटा-सा ग्रह घूमता है। इस पर कुछ-कुछ मनुष्यों जैसे दिखने वाले लोग रहते हैं। इस ग्रह का नाम है न्यूटोनिया। मनुष्यों से तुलना करें तो न्यूटोनिया के रहवासियों में एक खास अंतर पाएंगे - उनमें तीन तरह के लिंग पाए जाते हैं। बोलचाल में उन्हें नर, मादा व द्विलिंगी कहा जा सकता है।
चूंकि न्यूटोनिया के द्विलिंगियों में नर व मादा दोनों के जनन अंग पाए जाते हैं इसलिए वे नर व मादा दोनों जैसा बर्ताव कर सकते हैं और साथ में बच्चे भी पैदा कर सकते हैं। जब भी एक माता (मादा या द्विलिंगी) गर्भवती होती है तो बच्चे के नर, मादा या द्विलिंगी होने की संभाविता ठीक एक तिहाई, एक तिहाई होती है।

न्यूटोनिया का नया तानाशाह नरोधाम एक अत्यंत गुस्सैल नर है जिसने द्विलिंगियों का विद्रोह कुचलकर राज-पाट हासिल किया है। इस ‘द्विलिंगी समस्या’ का खात्मा करने के लिए इस नए शासक नरोधाम ने एक नया कानून पारित किया है कि जैसे ही कोई माता द्विलिंगी बच्चे को जन्म देगी, तत्काल उसका परिवार नियोजन कर दिया जाएगा। यानी कि वो माता फिर कभी संतान पैदा नहीं कर पाएगी।

नरोधाम का तर्क था कि द्विलिंगी बच्चे को जन्म देने से पहले कुछ माताओं को तो दो, तीन, चार, पांच या ज़्यादा एकलिंगी बच्चे पैदा होंगे। यह सही है कि कुछ माताओं को पहला बच्चा ही द्विलिंगी पैदा होगा - लेकिन इसके बाद उनको और बच्चे नहीं होंगे। इस तरह द्विलिंगी बच्चों की संख्या में बहुत कम इज़ाफा होगा और कुल जनसंख्या में द्विलिंगियों की संख्या लगातार कम होती रहेगी।

- क्या इस निरंकुश शासक नरोधाम की तरकीब कारगर होगी?