अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को एक नया कमरा मिलने वाला है मगर यह गुब्बारा-कमरा है। स्टेशन के कर्मियों को पहले इसे हवा भरकर फुलाना होगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह कमरा अंतरिक्ष स्टेशन में घूमने-फिरने के लिए थोड़ी ज़्यादा जगह उपलब्ध करा देगा।
वैसे तो अंतरिक्ष स्टेशन का अधिकांश अतिरिक्त हिस्सा एल्यूमिनियम के डिब्बों से बनाया जाता है। इन्हें पृथ्वी से किसी अंतरिक्ष यान की मदद से स्टेशन तक पहुंचाना होता है और फिर जोड़ना होता है। यह काफी खर्चीला काम है क्योंकि इतने वज़न को ढोकर अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाना होता है। इसी वजह से सन 2011 के बाद स्टेशन पर कोई अतिरिक्त कक्ष नहीं जोड़ा गया है।
अब यह फुलाने वाला कक्ष (जिसका नाम बिजलो एक्सपांडेबल एक्टिविटी मॉड्यूल BEAM) है वहां ले जाया जाएगा। फायदा यह है कि इसे अच्छी तरह तह करके एक छोटे से केप्सूल में पैक करके ले जाया जा सकेगा। अभी यह परीक्षण के तौर पर लगाया जाएगा। इसे बिजलो एयरोस्पेस कंपनी ने बनाया है। कुछ हद तक इसका परीक्षण हो चुका है मगर अब इसे दो साल के लिए जांचा जाएगा। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि क्या यह अंतरिक्ष में मौजूद तापमान और विकिरण वगैरह का सामना कर सकता है। यह भी परखा जाएगा कि क्या यह छोटी-मोटी उल्काओं की मार को भीे झेल सकता है। ऐसी छोटी-मोटी टक्करें अंतरिक्ष में होती रहती हैं।
इसे एक ऐसी सामग्री से बनाया गया है जो तापमान की अतियों और विकिरण को झेल सकता है मगर अभी जांच छोटी अवधियों के लिए ही की गई है। इसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री एक व्यापारिक सीक्रेट है। यह सीक्रेट बिजलो कंपनी ही जानती है।
चूंकि यह टेक्नॉलॉजी अभी जांची-परखी जा रही है, इसलिए अगले दो सालों तक अंतरिक्ष स्टेशन के निवासी इस कक्ष में ज़्यादा समय नहीं बिताएंगे, वहां प्रयोग करना तो दूर की बात है। वे सिर्फ कुछ आंकड़े वगैरह एकत्रित करने के लिए इस कक्ष में जाएंगे। मगर उम्मीद यह की जा रही है कि दो साल बाद यह एक उपयोगी कक्ष बन जाएगा।
यदि यह टेक्नॉलॉजी सफल रहती है, तो बिजलो कंपनी अपना निजी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का इरादा रखती है। उसकी तो यह भी मंशा है कि ऐसा स्टेशन स्थापित करके वह पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर भी कराएगी। वैसे भी बिजलो कंपनी के मालिक रॉबर्ट बिजलो के धरती पर कई होटल हैं, इसलिए होटल और पर्यटन के कारोबार को बढ़ाकर अंतरिक्ष में ले जाना उनकी कंपनी के लिए कोई नई बात नहीं होगी। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - June 2016
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