मंगल ग्रह पर मनुष्य के पहुंचने की बातें काफी समय से चल रही हैं। मगर एक चिंता का विषय यह है कि यदि मनुष्य ने मंगल पर कदम रखा, तो उसके साथ-साथ अरबों सूक्ष्मजीव भी सवारी करके पहुंच जाएंगे। गौरतलब है कि प्रत्येक मनुष्य के शरीर पर और शरीर के अंदर विविध किस्म के सूक्ष्मजीव निवास करते हैं।
इस बात के प्रमाण हैं कि सूक्ष्मजीव अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में या मिर स्टेशन में इकट्ठे होते रहते हैं। स्टेशन में मौजूद गीले तौलियों पर आप बैक्टीरिया और फफूंद पनपते देख सकते हैं। तो मंगल तक पहुंचने की करीब डेढ़ साल की उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यान में सूक्ष्मजीवों का कैसा बगीचा बन जाएगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
मॉस्को में मार्स-500 नामक प्राकृतवास तैयार किया गया है जहां मंगल-यात्रा की पूरी अनुकृति बनाई गई है। इसमें 6 अंतरिक्ष यात्रियों को रखा गया है और उन्हें बाहर निकलने की मनाही है। और एडिनबरा विश्वविद्यालय की खगोल-जीव वैज्ञानिक पेट्राश्वेंडनर और उनके साथी इस प्राकृतवास में से समय-समय पर नमूने लेकर जांच करते रहते हैं।
श्वेंडनरका कहना है कि उन्हें इन नमूनों में ठीक वही मिला है जिसकी अपेक्षा थी - मनुष्य से सम्बंधित ढेर सारे सूक्ष्मजीव। इनमें बैक्टीरिया और फफूंद विशेष रूप से पाए गए हैं। वैसे इनकी संख्या अंतरिक्ष में मनुष्य के जीवित रहने के हिसाब से ठीक-ठाक ही थी। उल्लेखनीय रूप से टीम ने यह भी पाया कि समय के साथ सूक्ष्मजीवों की विविधता में गिरावट आ रही है। यह बात दर्शाती है कि मामला पूरी तरह तंदुरुस्त नहीं है। श्वेंडनर और साथियों का यह अध्ययन माइक्रोबायोम नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। श्वेंडनर का मत है कि पूरी जांच का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सूक्ष्मजीव विविधता में गिरावट का ही है और इस विविधता को बनाए रखने के लिए सतत निगरानी और ज़रूरी उपाय करने होंगे। (स्रोत फीचर्स)